केरल : मुख्यमंत्री विजयन ने राज्यपाल खान से मुकाबला करने के लिए कानूनी तरीका अपनाया


केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के बीच काफी समय से तकरार चल रही है। दोनों में से कोई पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दे रहे हैं।


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दक्षिण भारत Updated On :

तिरुवनंतपुरम। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के बीच काफी समय से तकरार चल रही है। दोनों में से कोई पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दे रहे हैं। इस बीच विजयन ने फली एस. नरीमन सहित देश के सर्वश्रेष्ठ कानून विशेषज्ञों से संपर्क किया है, ताकि झगड़े का कोई कानूनी समाधान निकाले। राज्य अपने अब तक के सबसे खराब वित्तीय संकट से गुजर रहा है, फिर भी नरीमन और उनकी टीम के लिए 46.90 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं।

सरकारी आदेश में कहा गया है कि केरल के विधायी विधेयकों के संबंध में लिखित कानूनी राय लेने के लिए यह पेशेवर शुल्क है।

विजयन और उनके माकपा नेताओं ने कहा कि ‘यह केरल है’ और खान को किसी के भी साथ ‘अच्छा व्यवहार करना चाहिए’। राज्यपाल हालांकि अपने रुख पर अडिग दिखाई देते हैं।

विजयन ने नरीमन से संपर्क करने का फैसला यह देखने के लिए किया कि क्या कोई कानूनी तरीका है, जिससे खान को उन विधेयकों पर हस्ताक्षर करने के लिए विवश किया जा सके, है जिन्हें वह रोके हुए हैं।

राज्यपाल के पास रुके हुए विधेयकों में संशोधित लोकायुक्त विधेयक और कुलाधिपति की शक्तियों में संशोधन संबंधी विधेयक भी शामिल है।

विजयन यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या कोई तरीका है, जिससे महत्वपूर्ण विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी दिलाने में न्यायपालिका की मदद ली जा सके।

खान हाल ही में धमकी भरे मोड में थे। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि मुख्यमंत्री कार्यालय सोने की तस्करी में शामिल है, तो वह हस्तक्षेप करेंगे। बहरहाल, विजयन ने खान को कानूनी तरीके से मंजूरी के लिए विवश करने के बारे में सोचना शुरू कर दिया है।

खान पिछले 10 दिनों से यात्रा पर थे। वह शनिवार को राज्य लौट आए हैं। इससे पहले उन्होंने राज्य के 10 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पद छोड़ने का आदेश दिया था और कहा था कि कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए या कोई भी कुलपति उनसे मिलना चाहते हैं, तो सोमवार अंतिम तिथि है। उम्मीद है कि इसके बाद वह ए.पी.जे. अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ऑफ केरल के कुलपति से पूछेंगे कि नियुक्ति मानदंडों का पालन क्यों नहीं किया गया।



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