नई दिल्ली। केरल के एर्नाकुलम में एनआईए की एक विशेष अदालत ने तमिलनाडु सरकार के स्वामित्व वाली एक बस को नुकसान पहुंचाने के लिए भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के विभिन्न अपराधों के तहत कलामासेरी बस जलाने के मामले में तीन आरोपियों को दोषी ठहराया है। एर्नाकुलम और सलेम के बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष अब्दुल नसर मदनी की रिहाई की मांग के समर्थन में यह घटना हुई थी, जिन्हें 2005 में कोयंबटूर जेल में हिरासत में लिया गया था। सजा की अवधि 1 अगस्त को सुनाई जाएगी।
एनआईए की जांच ने स्थापित किया कि आरोपी व्यक्तियों ने सितंबर 2005 के पहले सप्ताह में युद्ध छेड़ने, आतंक पर हमला करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए मदनी की निरंतर हिरासत के प्रतिशोध में एक आपराधिक साजिश रची थी।
आरोपी व्यक्ति 8 सितंबर, 2005 को अलुवा मस्जिद में इकट्ठे हुए थे और तमिलनाडु सरकार के स्वामित्व वाली एक बस में आग लगाने के लिए आरोपी माजिद परंबाई और सूफिया के कहने और उकसाने पर अपनी योजना बनाई थी।
एनआईए ने गहन जांच के बाद 2010 में 13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। तीनों आरोपियों- नजीर थडियंतविदाथा, साबिर बुहारी और थजुदीन को आईपीसी की धारा 16(1)(बी) की धारा 120बी, 121ए और यूए (पी) अधिनियम की धारा 18 के तहत दोषी ठहराया गया है।