बेंगलुरु। हिंदू पुनरुत्थान पर अपने भाषण में धर्मांतरण पर की गई टिप्पणी से विवाद पैदा होने पर लोकसभा सदस्य तेजस्वी सूर्या ने सोमवार को बेशर्त अपने बयान वापस ले लिए।
भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उनके बयान के कुछ हिस्से से परिहार्य विवाद पैदा हो गया।
सूर्या ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘उडुपी श्री कृष्ण मठ में दो दिन पहले हुए एक कार्यक्रम में, मैंने ‘भारत में हिंदू पुनरूत्थान’ विषय पर बोला था। मेरे भाषण के कुछ बयान से खेदजनक ढंग से एक परिहार्य विवाद पैदा हो गया। इसलिए मैं बेशर्त बयान वापस लेता हूं।’’
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने यह नहीं बताया कि वह अपने करीब डेढ़ घंटे के भाषण के किस बयान का जिक्र कर रहे हैं।
सूर्या ने शनिवार को अपने भाषण में कहा था कि महज हिंदुओं का धर्मांतरण रोकना ही पर्याप्त नहीं होगा, और हिंदू धर्म छोड़ चुके लोगों की घर वापसी कराना एक प्राथमिकता होनी चाहिए।
‘हिंदू आधार’ को और कमजोर होने से रोकने के लिए किसी भी हिंदू के इस धर्म से बाहर नहीं जाने को सुनिश्चित करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा था, ‘‘यह कदम आधी समस्या का समाधान कर देगा, शेष आधी समस्या धर्मांतरण कर चुके लोग हैं…संख्या बल लोकतंत्र में राजनीतिक शक्ति तय करता है और जनसांख्यिकी लोकतंत्र में नियति को निर्धारित करता है…हिंदुओं के लिए सिर्फ एकमात्र विकल्प यह बचा है कि हिंदू धर्म से बाहर जा चुके सभी लोगों की घर वापसी कराई जाए।’’
सूर्या ने कहा, ‘‘सिर्फ एक समाधान है…भारत के इतिहास में विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक कारणों को लेकर जिन लोगों ने अपना मूल धर्म छोड़ दिया, जिन्होंने हिंदू धर्म को त्याग दिया, उन्हें पूरी तरह से हिंदू धर्म में वापस लाया जाना चाहिए। ’’ उन्होंने कहा कि हर मंदिर और मठ को घर वापसी कराने के लिए वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए ताकि हिंदूवाद का पुनरुत्थान हो सके।
सूर्या ने कहा, ‘‘आज के पाकिस्तान में मुसलमानों को हिंदू धर्म में धर्मांतरण कराना भी प्राथमिकता होनी चाहिए। यह तभी होगा जब हम भौगोलिक रूप से पाकिस्तान को वापस पा लेंगे। ’’
चिदंबरम पर निशाना साधते हुए प्रधान ने कहा, “भारत द्वारा उठाए गए हर प्रगतिशील कदम पर कांग्रेस और उसकी मंडली का अफसोसाजनक रुख कभी भी आश्चर्यचकित नहीं करता है… सबसे पहले, उन्होंने अपने देश में बने टीकों की सुरक्षा को लेकर लोगों को गुमराह किया, टीके की हिचकिचाहट को बल दिया और हमारे देश की सामूहिक क्षमता पर संदेह कर दहशत पैदा की।’’
उन्होंने ट्वीट किया, “और, अब जब भारत ओमीक्रोन स्वरूप को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए फिर से सक्रिय कदम उठा रहा है… ऐसे लोग फिर से दहशत व भय पैदा कर रहे हैं और दुष्प्रचार कर रहे हैं।’’
प्रधान ने कहा कि कई विकसित देश उक्त टीकों पर निर्भर होने के बावजूद ओमीक्रेान स्वरूप के प्रकोप का सामना कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीटर किया, “इसके अलावा, चिदंबरम जी, मैं आपको याद दिला दूं कि कांग्रेस सरकार ने ही लाभ के लिए टीके बेचे थे। धोखा देने की आपकी मंशा से महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई पटरी से नहीं उतरेगी।”
सोमवार दोपहर तक, देश मे कोविड टीकों की 142.31 करोड़ खुराकें दी गयी हैं जिनमें लगभग 84 करोड़ लोगों को पहली खुराक मिली है वहीं 58 करोड़ से अधिक लोगों को दोनों खुराक लग चुकी है।