कोच्चि। केरल हाई कोर्ट ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर जांच के दौरान अभियुक्त का इकबालिया बयान मीडिया में लीक होता है या उस पर चर्चा होती है तो जांच अधिकारी और संबंधित मीडिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने जमानत याचिका पर दिए अपने आदेश में कहा कि अगर इकबालिया बयान या जांच के दौरान जमा अन्य सामग्री पर मीडिया में चर्चा होती है और आम लोगों में उजागर होती है तो स्थिति खतरनाक हो जाएगी।
उच्च न्यायालय ने साक्ष्य अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को रेखांकित करते हुए कहा कि कानून की नजर में इकबालिया बयान स्वीकार्य नहीं है और अदालत फौजदारी न्याय प्रणाली में मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकती है। न्यायमूर्ति ने कहा, इस पर रोक जरूरी है। मेरा प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संवाददातओं और 24 घंटे चलने वाले चैनलों से सम्मानपूर्वक अनुरोध है कि वे पुलिस हिरासत में मौजूद आरोपी के इकबालिया बयान के आधार पर अखबार का शीर्षक बनाने से पहले या चैनल पर ब्रेकिंग न्यूज देने से पहले साक्ष्य अधिनियम की धारा-24 और संबंधित प्रावधानों को पढ़ें।