राजद्रोह का मामला : उच्च न्यायालय ने कंगना को गिरफ्तारी से दी अंतरिम राहत


न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की खंडपीठ ने रनौत और चंदेल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की जिसमें दोनों ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और 17 अक्टूबर के मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया है।


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मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने राजद्रोह और अन्य आरोपों में अभिनेत्री कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में मंगलवार को दोनों को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी लेकिन साथ ही उन्हें आठ जनवरी को मुंबई पुलिस के समक्ष उपस्थित होने का भी निर्देश दिया।

सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए कथित रूप से ‘‘घृणा और साम्प्रदायिक तनाव’’ फैलाने का आरोप लगाते हुए रंगोली और चंदेल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस पर बांद्रा की मजिस्ट्रेट अदालत ने पुलिस को मामला दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया था।

न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की खंडपीठ ने रनौत और चंदेल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की जिसमें दोनों ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और 17 अक्टूबर के मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया है।

अदालत ने कहा कि पुलिस ने तीन सम्मन जारी किए हैं और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। रनौत और चंदेल के वकील रिजवान सिद्दीकी ने इसपर अदालत को आश्वासन दिया कि दोनों बहने अपने बयान के मुताबिक आठ जनवरी को दोपहर 12 से 2 बजे तक मुंबई में बांद्रा पुलिस के समक्ष उपस्थित होंगी। अदालत ने उनके इस बयान को स्वीकार कर लिया है।

अदालत ने कहा, ‘‘पहली नजर में हमारा मानना है कि जबतक मामले की विस्तृत सुनवाई नहीं हो जाती अंतरिम राहत देना जायज है। पुलिस आवेदकों (रनौत और चंदेल) की गिरफ्तारी के साथ-साथ अन्य कोई दंडात्मक कार्रवाई ना करे।’’

अदालत ने यह भी जानना चाहा कि इस मामले में राजद्रोह का आरोप क्यों लगाया गया है। न्यायमूर्ति शिंदे ने सवाल किया, ‘‘राजद्रोह का आरोप क्यों लगाया गया है? हम अपने देश के नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं?’’

अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 11 जनवरी की तारीख तय करते हुए कहा कि वह अगली सुनवाई के दिन इसपर विस्तार से विचार करेगी।