उज्जैन। उज्जैन में जहरीली शराब के सेवन से कुछ दिन पहले हुई 12 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने नकली शराब बेचने में शराब तस्करों की कथित रूप से मदद करने के आरोप में दो पुलिस आरक्षकों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी है।
उज्जैन जिले के पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने बताया कि एक डॉक्टर और मेडिकल स्टोर के एक कर्मचारी को भी कथित रूप से शराब तस्करों को स्पिरिट उपलब्ध कराने और जहरीली शराब के उनके कारोबार में मदद करने के लिए गिरफ्तार किया गया है ।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, तीन शराब तस्करों यूनुस, गब्बर और सिकंदर पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया है और तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उज्जैन में जहरीली शराब के सेवन से 14 एवं 15 अक्टूबर को 12 लोगों की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद इस मामले में मध्य प्रदेश गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजोरा की अध्यक्षता में विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) गठन किया गया है।
उज्जैन जिले के पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने बताया, ‘‘हमने खाराकुआ पुलिस थाने में पदस्थ दो आरक्षकों शेख अनवर और नवाज शरीफ को गिरफ्तार किया है।’’ उन्होंने कहा कि इन दोनों आरक्षकों पर शनिवार को आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया है।
सिंह ने कहा कि इसके अलावा, डॉक्टर जुनैद और गोल्डन मेडिकल स्टोर के इरशाद को भी शराब तस्करों को स्पिरिट उपलब्ध कराने और उनके जहरीले शराब कारोबार में मदद करने के लिए गिरफ्तार किया गया है ।
उन्होंने बताया कि इस मामले में शराब तस्कर यूनुस, गब्बर और सिकंदर को भी गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जा रही है।
सिंह ने कहा कि शहर में अवैध रूप से बनाए गए सिकंदर और गब्बर के मकानों को भी ध्वस्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सिकंदर और गब्बर उज्जैन नगर निगम में संविदा कर्मी के रूप में काम करते थे।
सिंह ने बताया कि इस मामले में उज्जैन जिले के सहायक आबकारी आयुक्त के सी अग्निहोत्री का तबादला ग्वालियर कर दिया गया है और नगर निगम उपायुक्त सुबोध जैन निलंबित कर दिए गए हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जैन कथित तौर पर सिकंदर और गब्बर के करीबी थे।
सिंह ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जहरीली शराब पीने से कुल 12 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। हालांकि, शुरूआत में माना जा रहा था कि जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हुई।
उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों यूनुस, गब्बर और सिकंदर ने स्पिरिट और कुछ गोलियों से यह नकली शराब बनाई थी।
सिंह ने कहा कि नगर निगम की एक खाली पड़ी इमारत का इस्तेमाल नकली शराब को बनाने में किया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच चल रही है और इस तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।