देहरादून। शहीद हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घोषणा की है। सेना के हवलदार राजेंद्र का बृहस्पतिवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। हवलदार नेगी जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास गश्त के दौरान लापता हो गए थे और उनका शव हाल में मिला था।
हरिद्वार के खडखडी श्मशान घाट पर प्रशासनिक और सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में दिवंगत सैनिक के पुत्र हिमांशु और भाई विनोद ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान उनके अन्य भाई और पिता रतन सिंह भी मौजूद थे। इससे पहले, दिवंगत हवलदार के पार्थिव शरीर को यहां देहरादून के अंबीवाला क्षेत्र की सैनिक कॉलोनी स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया जहां उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उन्हें पुष्पचक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री रावत ने दिवंगत सैनिक के परिजनों को सांत्वना देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा उनके परिवार को अनुमन्य सहायता राशि के अलावा उनकी पत्नी को उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर राजकीय सेवा में नौकरी भी दी जायेगी।
हवलदार नेगी का पार्थिव शरीर बुधवार रात यहां लाया गया था। 11वीं गढ़वाल राइफल्स में तैनात हवलदार नेगी कई महीने पहले जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास गश्त के दौरान लापता हो गए थे। उनका शव गुलमर्ग क्षेत्र से 15 अगस्त को बर्फ से मिला था।
इससे पहले माना जा रहा था कि हवलदार नेगी आठ जनवरी को आए बर्फीले तूफान के दौरान फिसलकर पाकिस्तान की तरफ गिर गए थे। सेना ने उनका पता लगाने का काफी प्रयास किया लेकिन उनका पता नहीं चलने पर छह महीने बाद उन्हें ‘शहीद’ का दर्जा देते हुए उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था।