स्वामी स्वरूपानंद के ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य बनने के 50 वर्ष पूरे होने पर देशभर में कार्यक्रम


स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की द्वादशी के दिन ये कार्यक्रम आयोजित होंगे तथा आगामी 10 जनवरी को कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में एक भव्य कार्यक्रम होगा जिसमें स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी के सनातन धर्म में योगदान पर चर्चा होगी।


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उत्तराखंड Updated On :

हरिद्वार। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य बनने के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे स्वर्ण ज्योति महामहोत्सव के तहत देश भर में अगले दो वर्ष में 50 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

हरिद्वार के कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में स्वर्ण ज्योति महामहोत्सव को लेकर आयोजित संतों की बैठक के बाद शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि उनके गुरु के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य बनने के 50 वर्ष पूरे होने पर पीठ द्वारा स्वर्ण ज्योति महामहोत्सव मनाया जा रहा है ।

उन्होंने कहा कि सभी शिष्यों और अनुयायियों की इच्छा के मद्देनजर यह तय किया गया है कि देश भर में अगले दो वर्षों तक 50 कार्यक्रम आयोजित होंगे ।

आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार पीठों में से एक ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम पीठ उत्तराखंड के जोशीमठ में स्थित हैं।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की द्वादशी के दिन ये कार्यक्रम आयोजित होंगे तथा आगामी 10 जनवरी को कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में एक भव्य कार्यक्रम होगा जिसमें स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी के सनातन धर्म में योगदान पर चर्चा होगी ।

उन्होंने बताया कि देश भर में अलग-अलग स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित होने के बाद दो वर्ष के अंत में 50 वां कार्यक्रम विशाल रूप से आयोजित होगा । इस बैठक में गंगोत्री, यमुनोत्री और हरिद्वार के साधु-संतों एवं तीर्थ पुरोहितों ने भी भाग लिया ।



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