
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली गांव में भीषण आपदा के पांचवें दिन 480 फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावितों के लिए हरसंभव सहायता और राहत की घोषणा की है। सर्च ऑपरेशन को मजबूत करने के लिए हैदराबाद से सीपीआर रडार लाया गया, जो मालवे में दबे लोगों की तलाश को आसान बनाएगा।
अभी तक 49 लोग लापता हैं, जिनकी खोज के लिए ITBP, NDRF, SDRF, जिला प्रशासन, ड्रोन, आधुनिक उपकरण और डॉग स्क्वाड तैनात किए गए हैं। पुनर्वास और आजीविका के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो नुकसान का आकलन करेगी।
धराली, सेनजी और बांकुड़ा गांवों में आपदा से कई मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सीएम धामी ने शनिवार को उत्तरकाशी से लौटने के बाद प्रभावितों को तत्काल 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। मृतकों के परिजनों को भी 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। यह कदम प्रभावित परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान करेगा। राहत कार्य को गति देने के लिए यूपीसीएल ने युद्धस्तर पर काम करते हुए धरौली में बिजली बहाल कर दी, जो शनिवार को आपदा के बाद पहली बार चली। इससे प्रशासन को राहत और बचाव कार्य जारी रखने में आसानी हुई।
सीपीआर रडार की मदद से मालवे में दबे लोगों की तलाश तेज कर दी गई है। ड्रोन और डॉग स्क्वाड की तैनाती से लापता 49 लोगों तक पहुंचने की उम्मीद बढ़ी है। जिला प्रशासन के मुताबिक सर्च ऑपरेशन 24 घंटे जारी रहेगा। साथ ही पुनर्वास के लिए गठित समिति एक सप्ताह के भीतर नुकसान की रिपोर्ट शासन को सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा।
वहीं उत्तराखंड पुलिस ने धरौली आपदा पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के मामले में चार लोगों के खिलाफ देहरादून कोतवाली में मामला दर्ज किया है। सब-इंस्पेक्टर विक्की तंवर ने बताया कि एक आरोपी ने बाढ़ की तस्वीर साझा कर “धरौली में आपात कुदरत का बुलडोजर” लिखा, जबकि अन्य ने मस्जिद-मजार तोड़ने और मुस्लिम घरों पर टिप्पणी की।
सीएम धामी ने विपक्ष को आपदा पर राजनीति न करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में हमें सकारात्मक रहकर प्रभावितों की मदद करनी चाहिए। यह वक्त राहत पहुंचाने का है, न कि राजनीति का।