खत्म होने लगी डॉक्टर्स की हड़ताल, ममता की PM को चिट्ठी


बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में साल्ट लेक में राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय तक मार्च। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई।


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पश्चिम बंगाल Updated On :

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान बंगाल सरकार की लापरवाहियों के लिए उसे जमकर फटकार लगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने देशभर में हुई रेप की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है। धीरे-धीरे कई सारे डॉक्टर्स के संगठनों ने अब हड़ताल खत्म करना भी शुरू कर दिया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कोलकाता रेप केस को लेकर लेटेस्ट अपडेट्स क्या हैं।

FAIMA डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ रोहन कृष्णन ने कहा, “चीफ जस्टिस ने हमसे व्यापक हित और लोगों के कल्याण के लिए हड़ताल वापस लेने की गुजारिश की है। हमारी एक राष्ट्रीय स्तर पर बैठक हुई है, जिसमें हमने ओपीडी, इमरजेंसी और वैकल्पिक सेवाओं को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। विरोध जारी रहने वाला है, लेकिन एक अलग तरीके से। मैं सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स से गुजारिश करता हूं कि वे काम पर वापस आएं और मरीजों की सेवा करें। हमारी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।”

वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स और सफदरजंग अस्पताल ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। आरडीए ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि न्याय सुनिश्चित किया जाए। अदालत ने डॉक्टर्स की सुरक्षा चिंताओं पर भी आश्वासन दिया है। इन सकारात्मक घटनाओं को देखते हुए हमने एक बैठक बुलाई और फैसला किया कि अगले आदेश तक हम अपनी हड़ताल खत्म कर रहे हैं।

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने भी अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। FORDA ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की अपील के मद्देनजर और मरीजों के हित हड़ताल को अस्थायी रूप से खत्म किया जा रहा है और डॉक्टर्स शुक्रवार से अपने काम पर लौट जाएं। इसने कहा कि दो सप्ताह में अपने रुख की समीक्षा की जाएगी।

सीबीआई को आरजी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष और अन्य डॉक्टरों का पॉलीग्राफ टेस्ट करने की इजाजत मिली है। जांच एजेंसी ने कोलकाता रेप-मर्डर केस के मुख्य आरोपी संजय रॉय की भी पॉलीग्राफ टेस्ट कराने का अनुरोध किया है।

कोलकाता केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिला डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर मामले को दबाने का प्रयास किया था। जब तक इस केस की जांच उसके पास आई, तब तक अपराध स्थल पर छेड़छाड़ की जा चुकी थी। सीबीआई को 13 अगस्त को जांच सौंपी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता केस में देरी से एफआईआर दर्ज करने पर पुलिस को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि पोस्टमार्टम नौ अगस्त को शाम छह बजकर 10 मिनट पर किया गया, लेकिन अप्राकृतिक मौत की सूचना ताला पुलिस थाने को नौ अगस्त को रात साढ़े 11 बजे भेजी गई। यह बेहद परेशान करने वाली बात है। कोर्ट ने पूछा, “आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के संपर्क में कौन था? उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कराने में देरी क्यों की? इसका क्या मकसद था?”

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। अदालत ने ये जरूर कहा कि बंगाल सरकार को वैध शक्तियों का इस्तेमाल करने से नहीं रोका गया है। वह उचित प्रोटोकॉल का पालन कर सकती है।

देश की शीर्ष अदालत ने कोलकाता की घटना का राजनीतिकरण नहीं करने की सलाह दी। कोर्ट ने कहा, ‘‘इस माहौल का राजनीतिकरण न करें। सभी दलों को यह समझना होगा कि कानून अपना काम करेगा। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि त्वरित जांच के बाद कानून अपना काम करे।’’

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखी। इसमें उन्होंने दुष्कर्म के अपराधियों के लिए कठोर सजा के साथ सख्त केंद्रीय कानून बनाने का आग्रह किया। ममता ने कहा कि रेप की घटनाएं समाज और देश के विवेक को झकझोर डालती हैं। इसे रोकना हमारा फर्ज है, ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस करें।

बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में साल्ट लेक में राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय तक मार्च। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई। पुलिस ने शुभेंदु को हिरासत में भी ले लिया, लेकिन थोड़ी देर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।