
मालदा (पश्चिम बंगाल)। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अपने अहं को संतुष्ट करने के लिये राज्य के किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना से वंचित करने का आरोप लगाया।
शाहपुर, पश्चिम बंगाल में कृषक सुरक्षा सह-भोज कार्यक्रम को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी देश के किसानों के जीवन को सुगम एवं सुखमय बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं, किंतु ममता दीदी अपने अहंकार और जिद में किसानों तक लाभ नहीं पहुंचने दे रहीं हैं। pic.twitter.com/Oc5ar4tznL
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) February 6, 2021
उन्होंने यह भी पूछा कि ‘जय श्रीराम’ के नारों के लेकर वह आपा क्यों खो देती हैं।
नड्डा ने एक माह तक चलने वाले पार्टी के ‘कृषक सुरक्षा अभियान’ के अंतिम चरण में शिरकत करते हुए कहा कि राज्य की जनता ने बनर्जी और उनकी पार्टी को विधानसभा चुनाव में ‘नमस्ते और टाटा’ कहने का मन बना लिया है।
कृषक सुरक्षा सहभोज कार्यक्रम में सम्मिलित होकर कृषक बंधुओं के साथ भोजन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
मोदी सरकार द्वारा किसानों को सशक्त करने वाली योजनाओं पर प. बंगाल के कृषक भाई-बहनों का भी बराबर अधिकार है, जिसको सुनिश्चित करने के लिए भाजपा प्रतिबद्ध है। pic.twitter.com/GkSmwLLEhC
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) February 6, 2021
नड्डा ने आरोप लगाया, ‘ममता दी ने बंगाल के किसानों को पीएम किसान योजना के लाभों से वंचित करके अन्याय किया। उन्होंने अपने अहं को संतुष्ट करने के लिये यह कल्याणकारी योजना लागू नहीं होने दी। अब जब बंगाल के किसानों ने खुद यह महसूस हुआ कि योजना लागू होनी चाहिये तब जाकर उन्होंने कहा कि इसे लागू करेंगी। 70 लाख किसान दो साल से सालाना छह हजार रुपये की मदद से वंचित हैं।’
भाजपा अध्यक्ष ने मालदा के शाहपुर गांव में ‘कृषक सुरक्षा सह-भोज’ के तहत किसानों के साथ भोजन भी किया। उन्हें खिचड़ी और सब्जी परोसी गई।
नड्डा ने कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में 23 जनवरी को हुई घटना की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘मैं जब यहां आया तो जय श्रीराम के नारे के साथ मेरा अभिवादन किया गया। लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि ममता बनर्जी इसे सुनने के बाद गुस्सा क्यों हो जाती हैं।’
विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में जय श्रीराम के नारे लगने के बाद ममता बनर्जी ने भाषण देने से इनकार कर दिया था।