बंगाल में पुलिस सुधारों की जरूरत: कलकत्ता उच्च न्यायालय

एक लापता लड़की के मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि आपराधिक मामले समुचित जांच नहीं होने तथा समुचित साक्ष्य नहीं पेश किये जाने की भेंट चढ़ जाते हैं।

कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था शाखा को जांच शाखा से अलग करने के लिए पुलिस सुधारों के वास्ते यह उपयुक्त समय है।

एक लापता लड़की के मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि आपराधिक मामले समुचित जांच नहीं होने तथा समुचित साक्ष्य नहीं पेश किये जाने की भेंट चढ़ जाते हैं।

न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने कहा कि वैसे तो कानून व्यवस्था बनाये रखना पुलिस की ड्यूटी का अहम हिस्सा है, लेकिन जांच शाखा से समझौता नहीं किया जा सकता है।

अदालत ने कहा कि एक दिसंबर को और समय दिये जाने के बावजूद राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को और वक्त मांगा।

अदालत ने कहा कि मामले में आरामबाग थाने के प्रभारी निरीक्षक ने रिपोर्ट दाखिल की, लेकिन इस बात का कोई संकेत नहीं है कि लड़की कहां है। अदालत ने हुगली के पुलिस अधीक्षक को सुनवाई की अगली तारीख 21 दिसंबर को एक रिपेार्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

First Published on: December 11, 2020 8:21 AM
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