कोलकाता। वाम दलों, कांग्रेस एवं नवगठित आईएसएफ के गठबंधन ने पश्चिम बंगाल में रविवार को खुद को ‘तीसरे विकल्प’ के रूप में पेश किया और कहा कि प्रदेश के विकास के लिये यहां एक जनहित सरकार की आवश्यकता है ।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में एक महारैली को संबोधित करते हुये माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी राजा, पश्चिम बंगाल वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि राज्य के विकास के लिये आगामी चुनावों में तृणमूल कांग्रेस एवं भाजपा को हराने की आवश्यकता है ।
येचुरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं भारतीय जनता पार्टी की ‘सांप्रदायिक गतिविधियों’ को रोकने के लिये सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस को हराना होगा । उन्होंने दावा किया कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में तृणमूल सरकार बनाने के लिये फिर से भाजपा की अगुवाई वाले राजग में शामिल हो सकती है।
प्रदेश में तृणमूल एवं भाजपा के बीच जारी राजनीतिक संघर्ष को ‘‘बनावटी लड़ाई’’ करार देते हुये येचुरी ने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी पीएम केयर्स फंड के धन का इस्तेमाल कर बंगाल में चुनाव के दौरान नेताओं को ‘खरीद’ रही है। इस फंड की स्थापना कोविड-19 महामारी से संघर्ष के लिये किया गया था ।