कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने लिए दिल्ली में किया गया सेरोलॉजिकल सर्वे क्या है?


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक और रणनीति पर काम करने का फैसला लिया है। अब कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने अब हर महीने सेरो सर्वे कराने का फैसला किया है।


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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हर महीने एक सेरोलॉजिकल सर्वे किया जाएगा। आपको बता दें कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने 27 जून से 10 जुलाई के बीच दिल्ली में सेरोलॉजिकल सर्वे किया था जिसमें रैंडम तरीक़े से 21,387 लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए थे। इनमें 23.48 प्रतिशत लोगों के ब्लड में कोविड-19 एंटीबॉडी पाया गया। यानी कोविड-19 से दिल्ली की करीब एक चौथाई आबादी संक्रमित होकर ठीक हो चुकी है। यहां हम आपको बताते है कि सीरोलॉजिकल होता क्या है इसके साथ साथ ही हम यह भी जानेंगे कि इस को राष्ट्रीय राजधानी में इसे कैसे किया गया।

सेरोलॉजिकल सर्वे क्या है?

एंटीबॉडी और एंटीजन की पहचान करने के लिए सेरोलॉजिकल टेस्ट का उपयोग किया जाता है। परीक्षण व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली में एंटीबॉडी की पहचान करता है जो एक बीमारी से उबर चुका है। यह जांच इस बात के लिए भी किया जा सकता है कि क्या कोई व्यक्ति कुछ बीमारियों से प्रतिरक्षित है? एक सेरोलॉजिकल सर्वे में, बड़े जनसंख्या के नमूने पर ऐसे परीक्षण के लिए रैंडम विधि के आधार पर सैंपल को इकट्ठा किया जाता हैं।

दिल्ली में सेरोलॉजिकल सर्वे कैसे किया गया?

दिल्ली में इस सर्वे को करने के लिए चार सदस्यीय वाली 160 टीमों के माध्यम से परीक्षण किए गए थे। प्रत्येक टीम में आशा / आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एक फार्मासिस्ट, एक सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) और एक फोलेबोटोमिस्ट ( phlebotomist) ने घरों का दौरा किया। जिन्हें जिला प्रशासन द्वारा रैंडम विधि के द्वारा चुना गया था । दिल्ली में इस सीरोलॉजिकल सर्वे के दौरान, 21,837 सैम्पल एकत्र किए गए थे।

सीरोलॉजिकल परीक्षण के बाद क्या होता है?

सेरोलॉजिकल परीक्षण के बाद प्रदान की जाने वाली देखभाल और उपचार अलग-अलग हो सकते हैं। यह अक्सर इस बात पर निर्भर करता है कि एंटीबॉडी पाए गए थे या नहीं। यह आपकी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की प्रकृति और इसकी गंभीरता पर भी निर्भर हो सकता है। एंटीबायोटिक या किसी अन्य प्रकार की दवा आपके शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकती है। यदि आपके डॉक्टर को अभी भी लगता है कि आपको संक्रमण हो सकता है।, तो वह एक अतिरिक्त परीक्षण का आदेश भी दे सकता है।

सेरोलॉजिकल सर्वे संक्रमण रोग फैलने से रोकने में कैसे मदद करता है?

इस प्रकार का सर्वे हमें बीमारी कितनी फैली है और किन कारणों से फैली है, इन महत्वपूर्ण बातों को जानने में मदद करता है। यह अधिकारियों को रोग को रोकने के लिए उपयोग किए जाने वाले हस्तक्षेपों के बारे में सूचित करता है जिससे प्रशासनिक स्तर पर संक्रमण रोग फैलने से रोकने के लिए उचित निर्णय लेने में मदद हो सके। यह उन्हें एक बेहतर समझ भी देता है कि वायरस कितना खतरनाक है। जिससे गंभीर देखरेख वाले रोगियों के बारे में उचित अनुमान लगाया जा सके।
(साभार – नागरिक न्यूज़)