
लखनऊ। प्रदेश में कोरोना वायरस का प्रसार जारी है। अनलॉक टू में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। राजधानी की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में शुक्रवार को जांच किये गए 2,819 नमूनों में 107 की रिपोर्ट शनिवार को पॉजिटिव आई। इनमें लखनऊ के रोगी 60, संभल के 18, हरदोई के 10, बाराबंकी के 15 तथा बस्ती, बलरामपुर, रायबरेली, बलिया का 01-01 रोगी शामिल है।
इसके अलावा अन्य जनपदों में भी कोरोना के नए मामलों की पुष्टि हुई है। सिद्धार्थनगर जनपद में बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर से 405 लोगों की जांच रिपोर्ट आई है, जिसमें दो लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। एक पॉजिटिव नौगढ़ कस्बे के तेतरी बाजार का 30 वर्षीय युवक है। दूसरी भनवापुर ब्लाक के पिपरगोसाई की 15 वर्षीय किशोरी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सीमा राय के मुताबिक जनपद में अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 271 हो गई है। कोरोना से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है।
संत कबीरनगर जनपद में शनिवार को 365 सैंपल की जांच रिपोर्ट आई। इसमें 350 निगेटिव वहीं 15 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। इस तरह कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या बढ़कर अब 271 हो गई है। जनपद के मेंहदावल ब्लाक में 10, बेलहरकलां ब्लाक में तीन और पौली ब्लाक में दो लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। सभी संक्रमित मरीजों को सेंट थामस इंटर कालेज-खलीलाबाद के कोरोना एल-1 वार्ड में भर्ती किया जाएगा। जिले में अब तक सात लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। देवरिया जनपद में शुक्रवार देर रात आई रिपोर्ट में तीन कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 245 हो गई हैं। इन्हें कोविड 19 अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आलोक पांडेय ने इसकी पुष्टि की है।
दवा विक्रेताओं और हेल्थकेयर के फ्रंटलाइन वर्कर्स में नहीं मिला व्यापक संक्रमण
प्रदेश में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच एक और राहत देने वाली खबर है कि राज्य में दवा विक्रेताओं, फ्रंटलाइन पर रहकर मेडिकल स्क्रीनिंग, सेनेटाइज आदि काम करने वाली स्वास्थ्य टीमों में संक्रमण नहीं पाया गया है।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि इस तरह यह साफ हुआ है कि प्रदेश में इस वर्ग में भी संक्रमण नियंत्रित है। राज्य की 23 करोड़ आबादी के बीच फल-सब्जी विक्रेता, पटरी दुकानदार, रेहड़ी-पटरी विक्रेता, शहरी झुग्गी-झोपड़ियों और गांवों में अभी तक करायी रैंडम जांच में सामूहिक संक्रमण का प्रसार नहीं पाया गया।
अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण का स्तर जानने के लिए लगातार रैंडम सैम्पल लेकर जांच की जा रही है। इसी कड़ी में सभी 75 जनपदों में दवा विक्रेताओं और हेल्थकेयर के फ्रंटलाइन वर्कर्स की रैंडम जांच करवाई गई, जिसमें 26 जनपदों में संक्रमण पाया गया। हांलाकि कुल 12,299 नमूनों में से मात्र 72 में ही कोरोना की पुष्टि हुई, जो कि मात्र 0.58 प्रतिशत है। जबकि काफी सम्भावना थी कि इनमें संक्रमण हो सकता है।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि इस तरह यह साफ हुआ है कि प्रदेश में इस वर्ग में भी संक्रमण नियंत्रित है। राज्य की 23 करोड़ आबादी के बीच फल-सब्जी विक्रेता, पटरी दुकानदार, रेहड़ी-पटरी विक्रेता, शहरी झुग्गी-झोपड़ियों और गांवों में अभी तक करायी रैंडम जांच में सामूहिक संक्रमण का प्रसार नहीं पाया गया। अनलॉक में आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। ऐसे में लोग विशेष सतर्कता बरतें। अपने साथ-साथ दूसरों को भी संक्रमण से बचाने के लिए सुरक्षा उपायों को अपनाएं।
इससे पहले राज्य में फल-सब्जी विक्रेता, पटरी दुकानदार, रेहड़ी-पटरी विक्रेता और सड़क किनारे ढाबा संचालकों में भी व्यापक संक्रमण नहीं पाया गया। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में इस वर्ग के लोगों की रैंडम जांच करवाई गई। इनमें 5,508 कोरोना नमूने लिए गए, जिसमें से 19 जिलों में संक्रमण पाया गया और मात्र 50 लोग संक्रमित मिले हैं। इस तरह यह 01 प्रतिशत से भी कम है। वहीं राज्य के वृद्धाश्रमों और बाल सुधार गृहों में रहने वाले लोगों के बीच भी व्यापक संक्रमण नहीं पाया गया था।
राज्य के सभी 75 जनपदों में से मात्र 03 जनपदों सुलतानपुर, कुशीनगर और जालौन के वृद्धाश्रमों में रैंडम जांच के दौरान संक्रमण मिला था। अन्य 72 जिले इससे पूरी तरह महफूज पाये गये। इसी तरह बाल गृह, बाल सुधार गृह, बालिका संरक्षण गृहों में भी पूरे प्रदेश में रैंडम सैम्पलिंग करवाई गई। इनमें 75 जनपदों में मात्र 02 जनपदों मेरठ और कानपुर नगर में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। शेष 73 जिलों में संक्रमण नहीं पाया गया।
प्रदेश के सभी 75 जनपदों में शहरी झुग्गी-झोपड़ियों में की गई रैंडम जांच में भी 58 जिलों में संक्रमण नहीं पाया गया था। केवल 17 जनपदों में इसकी पुष्टि हुई थी। इस दौरान कुल 3,475 कोरोना नमूनों की रिपोर्ट में से मात्र 65 में संक्रमण की पुष्टि हुई थी।