
लखनऊ। प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लाॅकडाउन होने के बाद फिर एक जून से निगम की बसें सड़कों पर दौड़ रही है। दिन-रात एक करके विभाग के कर्मचारी श्रमिकों और लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं। लेकिन इसी कोरोना काल मे यूपीएसआरटीसी के कुछ ड्राइवर जमकर डीजल चोरी भी कर रहे हैं।
मामला लखनऊ के चारबाग और कैसरबाग बस अड्डे का है। बसों से डीजल चुराने का खुलासा होने पर परिवहन निगम के अधिकारियों ने 4 ड्राइवरों को बर्खास्त कर दिया है।
साथ ही चारबाग डिपो में डीजल चोरी के मामले में सरोजनी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराकर एक ड्राइवर को जेल भी भेजा गया है। असल में मामला तब खुला, जब चारबाग रेलवे स्टेशन से श्रमिकों को बाराबंकी छोड़कर वापस लौटी बस में 62 किलोमीटर की दूरी तय की और इस दौरान बस के ड्राइवर ने डीजल की खपत 149 लीटर दिखाई।
बस के 6 किलोमीटर चलने पर औसतन 1 लीटर डीजल खर्च होता है, इस हिसाब से बाराबंकी तक जाना और वापस आने में 10 से 12 लीटर डीजल खर्च होना चाहिए था। परिवहन निगम की बसों से डीजल चोरी होने के बड़े खुलासे के बाद अब अधिकारी भी सकते में हैं।