लखनऊ। आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की मंजूरी दिए जाने के विरोध में उत्तर प्रदेश के करीब 22 हजार निजी चिकित्सकों ने शुक्रवार को कामकाज ठप कर दिया।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर राज्य के निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम, और जांच केंद्रों की सभी सेवायें शुक्रवार को बंद रहीं, और इस दौरान केवल आपात सेवा और कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों का ही इलाज किया जा रहा है।
आईएमए के राज्य इकाई के अध्यक्ष डॉ अशोक राय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उत्तर प्रदेश के 21 हजार 500 निजी अस्पताल, पैथोलॉजी, डायग्नोस्टिक सेंटर और निजी चिकित्सक शुक्रवार सुबह छह बजे से शनिवार सुबह छह बजे तक काम बंद रखेंगे और इस दौरान केवल आपातकालीन सुविधाएं और कोविड-19 मरीजों का उपचार होगा।
उन्होंने बताया कि ‘इंडियन डेंटल एसोसिएशन’ ने भी आईएमए के इस कदम को समर्थन दिया है।
उन्होंने कहा,‘‘ आयुष चिकित्सकों को ब्रिज(अल्पअवधि) कोर्स कराकर सर्जरी करने की छूट दी जा रही है। इंटीग्रेटेड मेडिसिन के लिए केंद्र सरकार ने समितियां गठित की हैं। अभी एलोपैथिक ,आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी की अपनी अलग पहचान है, ऐसे में इन सबको मिलाकर मिक्सोपैथी बनाने के घातक परिणाम होंगे।’’
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में आईएमए पदाधिकारी प्रदर्शन कर सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग करेंगे और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे।
आईएमए लखनऊ की अध्यक्ष डॉ रमा श्रीवास्तव ने बताया कि राजधानी लखनऊ के 271 नर्सिंग होम, निजी अस्पताल, 6800 निजी चिकित्सक, 350 डायगनोस्टिक सेंटर, पैथालोजी में शुक्रवार सुबह से कल शनिवार सुबह तक कामकाज बंद है।
इस हड़ताल को देखते हुए राजधानी लखनऊ में सभी सरकारी अस्पतालों को सतर्क कर दिया गया है।