
नई दिल्ली। साल भर में एक करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आयी मोदी सरकार ने तो रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिये कुछ नहीं किया। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में योगी सरकार पांच सौ से अधिक दंत चिकित्सकों की नियुक्ति को लटकाये हुए है। प्रदेश के लोकसेवा आयोग से चयनित 535 दन्त चिकित्सक लगभग एक साल से अपने नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन योगी सरकार इस दिशा में कुछ करते हुये नहीं दिख रही है। उल्लेखनीय है कि इस कोविड-19 महामारी में हर जगह चिकित्सकों की बहुत जरूरत है फिर भी स्वास्थ्य विभाग चिकित्सकों की तैनाती में इतना विलम्ब क्यों कर रहा है,यह समझ के बाहर है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज से पिछले वर्ष 535 दन्त चिकित्सकों का चयन हुआ था। जिसका विज्ञापन 3 साल पहले विज्ञापन संख्या- 2/2017-2018 का दिनांक 30/12/2017 को प्रकाशित हुआ था। लिखित परीक्षा 17 मार्च 2019 को आयोजित की गई तथा लिखित परीक्षा में सफल अभ्यार्थियों का साक्षात्कार 16 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक लिया गया उसके पश्चात 2 नवम्बर 2019 को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने फाइनल परिणाम जारी कर दिया था।
गौरतलब तथ्य यह है कि नियुक्ति के लिए विभाग द्वारा काउंसिलिंग भी हो चुकी है। लेकिन सारी प्रक्रिया पूरा होने के बावजूद चयनित दन्त चिकत्सक लगभग एक साल से बेसब्री से नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार कोविड-19 महामारी को देखते हुए भी चिकित्सकों की तैनाती के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है जिससे चयनित चिकित्सकों में काफी रोष है। जल्द से जल्द कराना चाहिए जिससे दन्त चिकत्सक इस कोविड-19 महामारी में अपनी सेवा दे सके।
अखिल दन्त चिकत्सक वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अवधेश चौधरी कहते हैं कि “प्रदेश सरकार से हम लोगों ने कई बार शीघ्र नियुक्ति करने का मांग पत्र दिया, हर जल्द नियुक्ति करने का आश्वासन दिया गया। लेकिन अभी तक चयनित चिकित्सक दर-दर भटक रहे हैं।” नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन के सचिव डॉ. प्रकाश कुमार पाण्डेय ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि चयनित चिकित्सकों को शीघ्र नियुक्त किया जाए।