लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने पड़ोसी राज्य बिहार से लगी राज्य की सीमा से लगे खालिदाबाद के पास से 17 लोगों को 9,000 बोतलों में नशीला कफ सिरप के साथ गिरफ्तार किया है। राज्य की राजधानी लखनऊ के रहने वाले पांच आरोपियों को कथित तौर पर कफ सिरप ‘फेंसेडिल’ की बोतलों के साथ पकड़ा गया।
बस्ती संभाग में सहायक औषधि आयुक्त नरेश दीपक मोहन ने कहा, “यह गिरोह भारत में 90 प्रतिशत फेंसडिल की तस्करी में शामिल है। आगरा के एक दवा माफिया को पहले गर्भपात किट की कालाबाजारी के मामले में गिरफ्तार किया गया था।”
कफ सिरप, जिसमें रासायनिक तत्व कोडीन और क्लोरफेनिरामाइन होते हैं, का उपयोग बिहार और बांग्लादेश में शराब के विकल्प के रूप में किया जाता है।
पुलिस अधिकारी कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी में शामिल गिरोह के सभी सदस्यों के खिलाफ सबूत जुटा रहे हैं। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि आगरा के रहने वाले दो आरोपियों जितेंद्र अरोड़ा और कपिल अरोड़ा को पहले पंजाब में दवाओं की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पंजाब स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने तीन दवा गोदामों को भी सील कर दिया था।
इससे पहले 2020 में दवा तस्करों के एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पदार्फाश हुआ था और इसके सरगना पंकज गुप्ता को आगरा में गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पताल के स्टॉक से दवाएं मिली हैं। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने उस समय नौ से अधिक दवा माफियाओं को गिरफ्तार किया था।
2019 में खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण ने आगरा के रहने वाले प्रदीप कुमार और धीरज कुमार राजोरा को एक्सपायरी और नकली दवाओं की फिर से पैकेजिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
2020 में हरियाणा और राजस्थान में भ्रूण लिंग-निर्धारण किट और गर्भपात किट की कालाबाजारी और तस्करी के लिए आगरा में एक दवा आपूर्तिकर्ता उद्यम पर छापा मारा गया था और इसका लाइसेंस भी रद्द कर दिया था।
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश में फेंसेडिल की काफी मांग है और उनकी 80 प्रतिशत खांसी की दवाई की आपूर्ति उसी देश को होती है।