सपा विधायक और समर्थकों के खिलाफ सरकारी कामकाज में व्‍यवधान व उपद्रव का मामला दर्ज

अमेठी। अमेठी के गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र के समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह, ब्लॉक प्रमुख पप्पू सिंह और जिला पंचायत सदस्य धर्मेश समेत कई लोगों के खिलाफ सरकारी कामकाज में व्‍यवधान, उपद्रव, जनसमूह के साथ विधि विरुद्ध कार्य और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत मुसाफिरखाना थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

राकेश प्रताप सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें गलत तरीके से मुकदमे में फंसाया जा रहा है लेकिन वह डरने वाले नहीं हैं, अगर एक माह के भीतर सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो वह क्षेत्र की जनता के सहयोग से स्वयं निर्माण कार्य कराएंगे।

विधायक और उनके समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने की जानकारी अमेठी के जिलाधिकारी अरुण कुमार ने सोमवार को दी और कहा कि कानून-व्यवस्था के साथ किसी को भी खिलवाड़ की छूट नहीं दी जाएगी और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि राकेश प्रताप सिंह, विधायक गौरीगंज, धर्मेश धोबी, जिला पंचायत सदस्य, पप्पू सिंह ब्लॉक प्रमुख मुसाफिरखाना, राजेंद्र यादव ग्राम प्रधान कुंडा नवादा किशनगढ़ के विरुद्ध 11 नवंबर को थाना मुसाफिरखाना में भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (उपद्रव), 149 (जनसमूह के साथ विधि विरुद्ध कार्य), 332 (सरकारी कामकाज में व्‍यवधान) 353 (ड्यूटी कर रहे सरकारी कर्मी को कामकाज से रोकना और भयाक्रांत करना) 431 (सड़क, पुल, नदी को क्षति पहुंचाना) 153 (सांप्रदायिक दंगा या तनाव फैलाना) 157 (विधिविरुद्ध जनसमूह के लिए भाड़े पर लाये गये व्यक्तियों को प्रश्रय देना) व सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा के अंतर्गत मामला पंजीकृत किया गया है।

जिलाधिकारी ने बताया कि विधायक गौरीगंज के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने 11 नवंबर को कादू नाला से थौरी मार्ग पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए धारा 144 लागू रहने के बावजूद जिला प्रशासन को बिना सूचना दिए भारी संख्या में भीड़ के साथ फावड़ा कुदाल आदि एवं भारी मशीनरी उपकरणों के साथ कथित रूप से श्रमदान के माध्यम से सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया जिससे आम जनजीवन एवं सामान्य परिवहन व्यापक रूप से प्रभावित हुआ।

उन्होंने बताया कि इस प्रकार भारी मशीनरी उपकरणों के साथ उपस्थित फावड़ा खुदाल से लैस भीड़ के कारण शांति भंग होने की प्रबल संभावना उत्पन्न हो गई जिससे पुलिस द्वारा इनको धारा 151 (शांति भंग) के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया तथा उप जिला मजिस्ट्रेट मुसाफिरखाना द्वारा निजी मुचलके के आधार पर 11 नवंबर को मुक्त कर दिया गया।

जिलाधिकारी ने बताया कि जिस सड़क को लेकर विधायक द्वारा बार-बार ज्ञापन दिया जा रहा है उस सड़क के विभिन्न पहलुओं की जांच प्रक्रिया भी चल रही है और सड़क निर्माण के लिए कार्य योजना भी बनाई जा रही है।

गौरतलब है कि उपरोक्‍त सड़क निर्माण के मामले को लेकर विधायक राकेश प्रताप सिंह ने 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और लखनऊ के हजरतगंज (अटल चौक) में गांधी प्रतिमा के पास अनशन पर बैठ गये।

बाद में पुलिस ने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती करा दिया। नौ नवंबर को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के अनुरोध पर विधायक ने दसवें दिन अपना अनशन समाप्त कर दिया था। राकेश प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी पर सड़क निर्माण की मांग अनसुनी किये जाने का आरोप लगाया था।

विधायक ने सोमवार को पुनः जिलाधिकारी को ज्ञापन देते हुए सड़क निर्माण के लिए एक महीने का अल्टीमेटम दिया है। राकेश सिंह ने कहा कि उन्हें गलत तरीके से मुकदमे में फंसाया जा रहा है जबकि जब वह मौके पर पहुंचे थे तो हजारों की संख्या में लोग सड़क निर्माण में लगे हुए थे क्योंकि उन सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से अब तक 17 लोगों की जानें जा चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि इस सड़क के जर्जर होने से एक बड़ा इलाका प्रभावित है और इतना सब होने के बावजूद उत्तर प्रदेश की तानाशाह सरकार चेतने को तैयार नहीं है।उन्होंने कहा कि उनके ऊपर चाहे जितने मुकदमे लिखे जाए वह डरते नहीं है, चाहे उन्हें गोली मार दी जाए लेकिन अगर एक महीने के अंदर सड़क का निर्माण कार्य नहीं शुरू हुआ तो वह क्षेत्र की जनता के सहयोग से स्वयं सड़क का निर्माण कार्य कराएंगे।

First Published on: November 15, 2021 5:39 PM
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