लखनऊ। कृषि कानूनों के विरोध में और किसानों के आंदोलन के समर्थन में उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं ने शनिवार को सरकार पर निशाना साधा।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘भाजपा ने कृषि-क़ानून बनाने से पहले किसानों को कानोंकान ख़बर तक न होने दी, अब ‘किसान सम्मेलन’ करके इसके लाभ समझाने का ढोंग कर रहे हैं. सच तो ये है कि किसानों का सच्चा लाभ स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू होने से होगा, तभी आय दोगुनी हो सकती है. ये कृषि-क़ानून नहीं भाजपा का शिकंजा हैं।’’
भाजपा ने कृषि-क़ानून बनाने से पहले किसानों के कानों को ख़बर तक न होनी दी, अब ‘किसान सम्मेलन’ करके इसके लाभ समझाने का ढोंग कर रहे हैं. सच तो ये है कि किसानों का सच्चा लाभ स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू होने से होगा, तभी आय दुगुनी हो सकती है.
ये कृषि-क़ानून नहीं भाजपा का शिकंजा हैं. pic.twitter.com/fa57UfyTHX
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 19, 2020
बहुजन समाज पार्टी सप्रीमो मायावती ने भी शनिवार को ट्वीट किया, ‘केन्द्र सरकार को, हाल ही में देश में लागू तीन नए कृषि कानूनों को लेकर आन्दोलित किसानों के साथ हठधर्मी वाला नहीं बल्कि उनके साथ सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाकर उनकी माँगों को स्वीकार करके, उक्त तीनों कानूनों को तत्काल वापस ले लेना चाहिए।’
केन्द्र की सरकार को, हाल ही में देश में लागू तीन नए कृषि कानूनों को लेकर आन्दोलित किसानों के साथ हठधर्मी वाला नहीं बल्कि उनके साथ सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाकर उनकी माँगों को स्वीकार करके, उक्त तीनों कानूनों को तत्काल वापस ले लेना चाहिए, बीएसपी की यह माँग।
— Mayawati (@Mayawati) December 19, 2020