संक्रमण के मामले में लापरवाही पर सभी की जवाबदेही होगी तय : योगी


मुख्यमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग के माध्यम से कोविड-19 के चेन को नियंत्रित करके व्यापक स्तर पर जीवन रक्षा की जा सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए टेस्टिंग कार्य में लगातार वृद्धि किया जाना आवश्यक है। उन्होंने जनपद कानपुर नगर तथा गोरखपुर में कोविड-19 के टेस्ट की संख्या को बढ़ाने के निर्देश दिए।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के लखनऊ के साथ कानपुर में लगातार बढ़ते प्रकोप को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त हो गए हैं। लखनऊ में गुरुवार को लोक भवन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के साथ कोरोना वायरस संक्रमण में अनलॉक-4.0 के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में साफ कहा कि अब कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में लापरवाह की जवाबदेही तय होगी।

मुख्यमंत्री योगी ने समीक्षा बैठक में कोविड-19 के संक्रमण की चेन को तोडऩे के लिए सभी सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सर्विलांस, डोर-टू-डोर सर्वे तथा मेडिकल टेस्टिंग की कार्रवाई को और प्रभावी बनाया जाए। इस व्यवस्था को जितना सुदृढ़ किया जाएगा, कोविड-19 के विरुद्ध उतनी अधिक सफलता प्राप्त होगी।

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार जनता को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है। इसके दृष्टिगत कोविड-19 से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हर सम्भव कदम उठाएं जाएं। जिन प्रयासों को और गति देने की आवश्यकता है, उन्हेंं पूरी तेजी के साथ तत्परतापूर्वक संचालित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ तथा कानपुर नगर में कोविड-19 के नियंत्रण तथा इसकी उपचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए गए निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए। उन्होंने  कहा कि कोरोना के प्रसार रोकने में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की  जवाबदेही तय की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग के माध्यम से कोविड-19 के चेन को नियंत्रित करके व्यापक स्तर पर जीवन रक्षा की जा सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए टेस्टिंग कार्य में लगातार वृद्धि किया जाना आवश्यक है। उन्होंने जनपद कानपुर नगर तथा गोरखपुर में कोविड-19 के टेस्ट की संख्या को बढ़ाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों की कार्य संस्कृति को बेहतर बनाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों को समयबद्ध ढंग से ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जाए। निर्धारित प्रक्रिया के तहत शासकीय कार्यों में त्वरित निर्णय लिए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि विभागीय मुख्यालय सहित अधीनस्थ कार्यालयों में पत्रावलियां सात दिन से अधिक लम्बित न रहें।

 



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