चुनाव में सपा के साथ ही भाजपा को भी सत्ता में आने से जरूर रोकना होगा : मायावती


बसपा प्रमुख ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि दलितों और पिछड़ों को मौजूदा भाजपा सरकार में आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल रहा है।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और मतदाताओं से इन दलों को वोट न देने की अपील की।

मायावती ने आरोप लगाया कि सपा की तरह भाजपा सरकार की भी दलितों, एवं अन्‍य पिछड़े वर्गों संतों, गुरुओं और इनके महापुरुषों के प्रति जातिवादी मानसिकता साफ झलकती है, इसलिए चुनाव में सपा के साथ साथ भाजपा को भी सत्ता में आने से जरूर रोकना होगा।

बुधवार को संत शिरोमणि रविदास की जयंती पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के स्मृति उपवन में लखनऊ मंडल के बसपा उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित जनसभा में बसपा प्रमुख मायावती ने संत रविदास को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि संत रविदास ऐसा शासन चाहते थे जिसमें सबको रोटी, कपड़ा और मकान मिल सके लेकिन संत की जयंती पर हर साल अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने वालों ने कभी भी उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस, सपा और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मैं सोच रही थी कि शायद सपा की सरकार हटने के बाद भाजपा के लोग बदलाव लाएंगे लेकिन सपा की तरह भाजपा सरकार की भी दलितों, एवं अन्‍य पिछड़े वर्गों संतों, गुरुओं और इनके महापुरुषों के प्रति जातिवादी मानसिकता साफ झलकती है, इसलिए चुनाव में सपा के साथ-साथ भाजपा को भी सत्ता में आने से जरूर रोकना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार की नीतियां और कार्यशैली जातिवादी, पूंजीवादी एवं आरएसएस की संकीर्ण एजेंडे को ही लागू करने पर दिख रही है।’

बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘बसपा सभी विधानसभा सीटों पर अकेले अपने दम पर पूरी दमदारी से लड़ रही है और 2007 की ही तरह पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए लड़ रही है ताकि वर्तमान में भाजपा के चल रहे जातिवादी, संकीर्ण व तानाशाही वाले शासन से मुक्ति मिल सके।’

उन्होंने बसपा की सरकार बनने पर सभी समस्याओं के समाधान का भरोसा दिया और कहा कि अराजक तत्वों को जेल के अंदर भेजा जाएगा। मायावती ने कहा कि धरना-प्रदर्शन के नाम पर जिन लोगों के खिलाफ गलत मुकदमे दर्ज कराए गए हैं उनकी सही से जांच कराकर मामलों को खत्म किया जाएगा और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना लागू करने के साथ ही आयोग बनाकर समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

संत रविदास के दिखाए रास्ते पर चलने का दावा करते हुए मायावती ने कहा कि बसपा की सरकार ने इनकी इस बात पर पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अमल किया और इनके (संत रविदास) नाम पर जनहित के अनेक ऐतिहासिक कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि संत रविदास के सपनों को साकार करने के लिए पार्टी के लोगों को फिर से बसपा की सरकार बनाना बहुत जरूरी है, यही इनके प्रति आपकी सच्‍ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि इस चुनाव में आप अपना वोट, कांग्रेस, भाजपा और सपा समेत अन्‍य विरोधी पार्टियों को न देकर केवल अपनी एक मात्र हितैषी पार्टी बसपा को ही देना है।

मायावती ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘आप लोगों को मालूम है कि आजादी के बाद से काफी लंबे समय तक देश और अधिकांश राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सरकारें रही हैं किंतु इनकी गलत नीतियों एवं गलत कार्यप्रणाली के कारण कांग्रेस देश और अन्‍य राज्‍यों समेत उत्तर प्रदेश से भी सत्‍ता से बाहर हो चुकी है। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी जबर्दस्त जातिवादी होने के कारण शुरू से ही हर मामले में खासकर यहां दलित, आदिवासी व अन्य पिछड़ा वर्ग की विरोधी रही है।’’

मायावती ने आरोप लगाया कि सत्ता में लंबे समय तक रही कांग्रेस ने बाबा साहब को पात्र रहते हुए भी भारत रत्‍न से सम्‍मानित नहीं किया और उनके आंदोलन को आगे बढ़ाने वाले कांशीराम साहब के देहांत होने पर भी केंद्र में सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी ने उनके सम्मान में एक दिन के लिए भी राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया था।

उन्होंने कहा कि इस पार्टी ने आरक्षण संबंधी मंडल आयोग की रिपोर्ट को भी लागू नहीं किया जिसे बसपा ने अपने कड़े संघर्ष व अथक प्रयासों से केंद्र में रही वी पी सिंह की सरकार से लागू कराया था और वी पी सिंह की सरकार ने ही बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया था।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र और अधिकांश राज्यों से सत्‍ता से बाहर होने पर कांग्रेस पार्टी खासकर दलितों और आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्गों के वोटों के खातिर तरह तरह नाटकबाजी करती रहती है जबकि इस पार्टी की सच्चाई तो यह है कि यह जब सत्ता में आसीन होती तो तब इन वर्गों का विकास और उत्थान याद नहीं रहता, न ही उन्हें महिलाओं की भागीदारी याद रहती है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि सपा और भाजपा की सरकार में उत्तर प्रदेश की जनता ज्यादा दुखी रही है। मायावती ने कहा कि सपा की सरकार में तो ज्यादातर यहां गुंडों, बदमाशों माफियाओं और अराजकतत्वों और दंगा फसाद कराने वालों का राज रहा है और इस सरकार में हमेशा प्रदेश में तनाव की स्थिति रही है। उन्होंने कहा कि सपा के शासन में एक समुदाय तक ही शासन सीमित रहा और खासकर दलितों और अति पिछड़े वर्गों के संतों, गुरुओं और महापुरुषों के साथ अधिकांश समय इनका सौतेला रवैया रहा।

मायावती ने दावा किया कि अखिलेश यादव की सपा सरकार ने प्रदेश में एससी-एसटी (अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति) का सरकारी क्षेत्रों में पदोन्नति में आरक्षण खत्म कर दिया था, इसकी व्यवस्था पहली बार बसपा की सरकार में की गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एससी-एसटी के छात्रों को विदेश जाकर पढ़ाई करने की योजना को सपा सरकार ने खत्म कर दिया था।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सपा शासन में पंचशील नगर का नाम बदलकर हापुड़ कर दिया था, संत रविदास नगर का नाम बदलकर भदोही कर दिया, भीम नगर का नाम बदलकर संभल कर दिया तथा इसी प्रकार कई जिलों का नाम सपा सरकार ने बदल दिया। उन्होंने तंज किया कि अखिलेश यादव का यही समाजवाद है और ऐसे समाजवादी को किसी भी कीमत पर अपना वोट नहीं देना है।

मायावती ने आरोप लगाया कि धर्म के नाम पर हमेशा यहां पर तनाव और नफरत का वातावरण बना रहा और प्रदेश में अपराध भी वर्तमान भाजपा सरकार में काफी बढ़े, खासकर दलित, अल्पसंख्यक और महिलाएं इस सरकार में कतई सुरक्षित नहीं रहे हैं। उन्होंने उन्‍नाव कांड का उदाहरण दिया और मीडिया में सच्चाई दबाने का भी आरोप लगाया।

बसपा प्रमुख ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि दलितों और पिछड़ों को मौजूदा भाजपा सरकार में आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि ज्यादातर सरकारी कार्य निजी क्षेत्र से कराये जा रहे हैं जिसके लिए आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी नौकरियों में भी इनका आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया जाता है।

उन्‍होंने भाजपा सरकार में अल्पसंख्यकों के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘ इस सरकार में मुस्लिम समाज और सवर्ण समाज के लोग काफी दुखी रहे हैं और इनकी गलत आर्थिक नीतियों के कारण गरीबी, महंगाई काफी ज्यादा बढ़ी है।’’ उन्‍होंने कहा कि किसान भी केंद्र सरकार की गलत नीतियों से सबसे ज्यादा दुखी हैं।

मायावती ने दावा किया कि बसपा को छोड़कर जिस दल की सरकारें उत्त प्रदेश में रहीं हैं उनके शासन में बड़े पैमाने पर पलायन हुआ और जो पलायन हुए थे वे बसपा सरकारों में रोजी-रोटी के लिए राज्य में वापस आ गये थे।



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