
लखनऊ। जब देश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है, भारत सरकार द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ाया गया है। प्रदेश के 75 में से 65 जिलों में कोरोना संक्रमण फैल चुका है। जिसमें 55 जिले रेड और आरेंज जोन घोषित किए जा चुके हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने 5 मई से यूपी बोर्ड के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कराने का निर्णय लिया है, जिसका अटेवा विरोध करता है।
यह जानकारी अटेवा पेंशन बचाओ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. हरिप्रकाश यादव ने देते हुए बताया कि संगठन सरकार से लगातार अनुरोध करता रहा कि मूल्यांकन लॉकडाउन समाप्त होने तथा परिस्थितियों के सामान्य होने के उपरांत कराया जाए अथवा कॉपियों के गृह मूल्यांकन की व्यवस्था बनाई जाए। किन्तु सरकार संगठनों के अनुरोध को स्वीकार न कर मूल्यांकन कराने की जिद पर अड़ी हुई है।
ऐसे में विवश होकर अटेवा उ.प्र की प्रांतीय कार्यकारिणी ने सम्यक विचारोपरान्त 5 मई से होने वाले मूल्यांकन का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है तथा शिक्षकों से अपील की है कि ‘जान है तो जहान है’ को ध्यान में रखते हुए फिलहाल 17 मई लाकडाउन तक मूल्यांकन कार्य से विरत रहें।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत मूल्यांकन केंद्रों पर जिस प्रकार की व्यवस्था, एहतियात और सुरक्षा के उपायों की जरूरत है, वह प्रदेश के 275 मूल्यांकन केंद्रों पर डेढ़ लाख शिक्षकों को कदापि उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है। रेड तथा ऑरेंज जोन में परिवहन के साधनों के बंद होने के कारण शिक्षक विशेषकर महिलाओं का मूल्यांकन केंद्रों तक पहुंच पाना असम्भव है। यदि किसी मूल्यांकन केंद्र में कोई एक शिक्षक भी किसी कारण से कोरोना पॉजिटिव हुआ तो न केवल उस केंद्र के सैकड़ों शिक्षक बल्कि उन सभी शिक्षकों के परिवार भी संक्रमण के दायरे में आ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हाईस्कूल तथा इंटर के किसी भी विद्यार्थी की अगली कक्षा में प्रवेश की स्थिति बाधित नहीं होने पाएगी। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन प्रारंभ होने के दिन से रिजल्ट देने के लिए अधिकतम 35 दिनों की जरूरत होगी। ऐसे में यदि 20 मई से भी मूल्यांकन शुरू होगा तो भी जून के अंतिम सप्ताह में परीक्षा परिणाम घोषित किए जा सकेंगे, जबकि जुलाई से पूर्व कहीं भी अगली कक्षाओं में प्रवेश की स्थिति नहीं है।