
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुरादाबाद में हुई घटना का संज्ञान लेते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डाॅक्टर्स व कर्मी सभी सफाई अभियान से जुड़े अधिकारी/कर्मचारी, सुरक्षा में लगे सभी पुलिस अधिकारी व पुलिस के कर्मी इस आपदा की घड़ी में दिन-रात सेवा कार्य में जुटे हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े कर्मियों पर हमला एक अक्षम्य अपराध है, जिसकी घोर निंदा की जाती है। ऐसे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही होगी एवं उनके द्वारा किए गए राजकीय सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई उनकी सम्पत्ति से की जाएगी। उन्होंने जिला पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया है कि ऐसे उपद्रवी तत्वों को तत्काल चिन्हित करें और प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा के साथ ही उपद्रवी तत्वों पर पूरी सख्ती भी करें।
यहाँ यह बताते चलें कि सोमवार की देर रात तीर्थांकर मेडिकल यूनिवर्सिटी में निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात में शामिल हुए एक 49 वर्षीय कोरोना संक्रमित की मौत हो गई थी। इसके बाद बुधवार को मुरादाबाद जनपद के नागफनी स्थित नवाबपुरा मस्जिद हाजी नेब इलाके में स्वास्थ्य विभाग की टीम स्थानीय पुलिस के साथ मृतक के परिवार को क्वारेंटाइन कराने के लिए पहुंची। टीम के लोग जब परिवार के सभी सदस्यों को वाहन में बैठाने लगे, तभी आसपास के लोग इकट्ठा हो गये और टीम पर पथराव कर दिया। पथराव में डॉक्टर और तीन पुलिस कर्मी घायल हुये हैं। वाहन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये। घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने उपद्रवी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
हमले की घटना को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था पीवी रामाशास्त्री ने बताया कि मौके पर डीएम और एसएसपी पहुंचे हैं। उन्होंने वहां के लोगों को समझाया है, स्थिति पूरी नियंत्रण में हैं। पुलिस कर्मियों व डॉक्टर पर हमला करना जघन्य अपराध है और दोषियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी।