
अमरोहा। उत्तर प्रदेश पुलिस की कारस्तानी देश के लोगों को छिपी नहीं है। यूपी पुलिस की इसी कारस्तानी का नतिजा है कि प्रदेश में विकास दुबे जैसे शातिर अपराधी पुलिस और प्रशासन की नाक के नीच अपना साम्राज्य चला रहे थे और बाद में कुछ पुलिसवालों के बलिदान से इस कहानी का पटाक्षेप हुआ।
यूपी पुलिस की एक ऐसी ही कारस्तानी फिर उजागर हुई है जिसमें पुलिस ने जिस लड़की के हत्या के आरोप में उसके बाप-भाई और रिस्तेदारों को कई महीनों तक जेल में डाले रखा और कुछ लोग सात महीने से हवालात में पड़े हैं वह लड़की अपने प्रेमी संग घर पर वापस आ गई। आश्चर्य की बात यह है कि पुलिस ने इस लड़की ही हत्या में प्रयुक्त तमंचा और कपड़े भी बरामद कर लिया था।
खबरों के अनुसार मामला प्रदेश के अमरोहा जिले के आदमपुर थाना क्षेत्र का है। खबरों के अनुसार जिस बेटी की हत्या के आरोप में पिता के साथ भाई और रिश्तेदार सात महीने से जेल में बंद हैं, वह बेटी जिंदा मिल गई है। बेटी अपने प्रेमी के साथ दिल्ली चली गई थी और बाद में देश में लगे लॉकडाउन के दौरान अपनी ससुराल गांव पौरारा आ गई थी।
इस मामले में लड़की के पिता ने पांच लोगों के खिलाफ अपहरण और पॉक्सो एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कराया था। जब इस प्रकरण का खुलासा हुआ तो पुलिस महकमे हड़कंप मचा है। एसपी और सीओ धनौरा ने किशोरी से पूछताछ की है। वहीं परिजन और भाकियू कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर निर्दोष लोगों को जेल भेजने का आरोप लगाया है।
इस मामले में लड़की के पिता ने पांच लोगों के खिलाफ अपहरण और पॉक्सो एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कराया था। जब इस प्रकरण का खुलासा हुआ तो पुलिस महकमे हड़कंप मचा है। एसपी और सीओ धनौरा ने किशोरी से पूछताछ की है। वहीं परिजन और भाकियू कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर निर्दोष लोगों को जेल भेजने का आरोप लगाया है।
पुलिस के अनुसार आदमपुर थानाक्षेत्र के मलकपुर गांव निवासी सुरेश सिंह की नाबालिग बेटी 20 फरवरी 2019 को लापता हो गई थी। उसके भाई रूपकिशोर ने होराम, हरफूल, खेमवती निवासी सुल्तानपुर, जयपाल और सुरेंद्र निवासी बीजनपुर के खिलाफ थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने होराम और हरफूल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन नाबालिग का कोई सुराग नहीं लगा।
बाद में पुलिस ने 28 दिसंबर 2019 को पिता सुरेश, भाई रूप किशोर और देवेंद्र निवासी शीशों वाली धनौरा को नाबालिग की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तभी से तीनों जेल में बंद हैं।
बड़ी बात यह है कि पुलिस ने परिजनों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा और कपड़े बरामद करने का दावा भी किया था। जबकि सुरेश सिंह ही नाबालिग बेटी जिंदा है। वह अपने प्रेमी के साथ दिल्ली में रह रही थी।
लॉकडाउन में दोनों दिल्ली से गांव पौरारा लौट आए। गुरुवार को नाबालिग के दूसरे भाई राहुल ने उसे पौरारा गांव में देख लिया था। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ। वहीं अपहरण के मुकदमे में जेल भेजे गए होराम और हरफूल पहले ही बाहर आ गए थे।