
बलिया। उतर प्रदेश के बलिया जिले में रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बीते दिनों सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन के दौरान गोलीबारी में हुई जय प्रकाश पाल की हत्या के ममले में फरार चल रहे धीरेन्द्र सिंह पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। घटना के 72 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है। अब पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर इनाम रखा है, साथ ही गैंगस्टर एक्ट और रासुका लगाने की तैयारी भी कर दी है।
हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपी सहित 6 लोग अभी फरार हैं जबकि दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। DIG सुभाष चंद्र दुबे ने रेवती कांड के फरार आरोपियों के खिलाफ 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है, साथ ही आरोपियों के खिलाफ रासुका व गैंगस्टर कानून के अंतर्गत कार्रवाई की घोषणा भी की है। SP देवेंद्र नाथ ने फरार आरोपियों के खिलाफ 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।
इस हत्याकांड में पुलिस ने दो आरोपियों देवेंद्र प्रताप सिंह व नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया है तथा 5 अन्य लोगों को हिरासत में लिया है। घटना का मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू अभी फरार है। गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 12 टीम गठित की हैं।
धीरेन्द्र का वीडियो भी हुआ वायरल
घटना के बाद इस बीच मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह का खुद को निर्दोष बताते देते हुए एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमे उसने दावा किया है वह निर्दोष है। वीडियो में उसने यह भी दावा किया है कि रेवती की घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की भी मौत हो गई है तथा आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं।
सोशल मीडिया पर शुक्रवार रात जारी वीडियो में घटना को पूर्व नियोजित करार देते हुए आरोप लगाया है कि उसने आवंटन के लिये बैठक शुरू होते ही SDM, CO व अन्य अधिकारियों से अप्रिय घटना होने की आशंका जताई थी, लेकिन उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया। धीरेंद्र ने वायरल वीडियो में दावा किया कि अधिकारियों की मौजूदगी में उसके 80 वर्षीय पिता व भाभी पर भी हमला किया गया।
आरोपित परिवार के साथ थाने पहुंचे विधायक सुरेंद्र सिंह
वहीं, दूसरी ओर बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह शनिवार की सुबह हत्याकांड में मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के परिवार की घायल महिलाओं को लेकर रेवती थाने पहुंच गए। उनके साथ आराधना सिंह पत्नी प्रयाग सिंह, आशा सिंह पत्नी राजेन्द्र सिंह, आशा प्रकाश सिंह पत्नी नरेंद्र प्रताप सिंह रहीं।
बताया जा रहा है कि विधायक दूसरे पक्ष पर एफआईआर दर्ज कराने को लेकर थाने पहुंचे थे। रेवती थाने में पुलिस ने पहले मेडिकल कराने को कहा जिसके बाद विधायक वहां से सीधे सोनबरसा सीएचसी गए लेकिन वहां पर चिकित्सक नहीं होने के चलते घायलों का मेडिकल नहीं हो पाया। मेडिकल के लिए वे सभी जिला अस्पताल पहुंचे।