
बलिया। कोरोना महामारी के चलते देश भर में लॉकडाउन चल रहा है। हिंदी भाषी राज्यों के करोड़ों मजदूर दिल्ली,मुंबई,सूरत और बंगलुरू जैसे महानगरों में फंसे हुए हैं। कल-कारखानों के बंद होने से उनके सामने रोटी का संकट खड़ा हो गा है। ऐसे में वे अपने घर लौटना चाह रहे हैं। लेकिन बृहस्पतिवार को बलिया में सैकड़ों मजदूरों के घर पुहंचने का सपना उस समय टूट गया जब वे बलिया स्टेशन पर पहुंचने के बाद अस्वस्थ्य पाए गए। प्रशासन ने मजदूरों को क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया है।
गुजरात के राजकोट से आज बलिया पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार 68 श्रमिक बीमार मिले हैं। इससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। वहीं, एक श्रमिक की हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल में आइसोलेट किया गया है। जबकि, बाकी को क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया गया है। सभी की सैंपलिंग की जाएगी।
एडिशनल सीएमओ डॉक्टर केडी प्रसाद ने बताया कि, सुबह करीब आठ बजे 32 जिलों के 1296 श्रमिक बलिया में ट्रेन से उतरे। यह ट्रेन कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी होते हुए बलिया पहुंची थी। जिनकी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान 68 मजदूरों का तापमान 100 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक था। जबकि, एक श्रमिक की तबियत ज्यादा खराब होने के कारण उसे जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया है। शेष 67 मजदूरों को जयपुरिया स्कूल में क्वारैंटाइन कर दिया गया है।
एसीएमओ प्रसाद ने बताया कि, जिला अस्पताल में भर्ती मरीज की सैंपलिंग कर ली गई है। उसे जांच के लिए भेज दिया गया है। वहीं, क्वारैंटाइन किए गए मजदूरों की भी सैंपलिंग की जा रही है। उनकी स्वास्थ्य विभाग द्वारा निगरानी भी हो रही है।
वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव को चल रहे लाकडाउन-3 में भी क्षेत्र में लगातार जरुरतमंदों तक भोजन व आवश्यक सामान पहुंचाएं जा रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में क्षेत्र के अनेक समाजसेवी पिछले करीब 45 दिन से लगातार जरूरतमंदों तक हर दिन दो समय का भोजन पहुंचाने में लगे हैं। जनपद में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली या अन्य प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों का आना जारी है। जो लोग जहां से संपर्क कर रहे हैं व उन्हें राशन व दवा समेत अन्य जरूरत का सामान प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश ही नहीं अपितु विभिन्न प्रान्तों में यह व्यवस्था की जा रही है।