लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को विधान परिषद में बताया कि राज्य में अब तक कुल बालिग आबादी के 5.9 प्रतिशत लोगों को कोविड-19 टीके की दोनों खुराक लगाई जा चुकी हैं।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने सपा सदस्य शतरूद्र प्रकाश द्वारा पूछे गए सवाल पर सदन को बताया कि पिछली तीन अगस्त तक प्रदेश में बालिग नागरिकों की कुल आबादी के 32 प्रतिशत लोगों को टीके की प्रथम खुराक और 5.9 प्रतिशत नागरिकों को दोनों खुराक लगायी जा चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोविड टीकाकरण केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे टीके के जरिए किया जा रहा है। गत 11 अगस्त तक टीके की पांच करोड़ 55 लाख 23 हजार 603 खुराक लगायी जा चुकी हैं। भविष्य में भी टीके की उपलब्धता के आधार पर टीकाकरण किया जाएगा।
इस पर समाजवादी पार्टी के विधान पार्षद शतरूद्र प्रकाश ने कहा कि अब तो बिल्कुल साफ हो गया कि केवल 5.9 प्रतिशत लोगों को ही टीके की दोनों खुराक लगाई गई हैं। ‘‘क्या कारण है कि केवल डेढ़ करोड़ लोगों को ही दोनों खुराक लगाई गईं जबकि तीन करोड़ का दावा किया जा रहा है। ’’ मंत्री ने कहा कि यह बात सही है कि टीके की उपलब्धता में कमी हो रही थी। दूसरी खुराक का औसत अभी 1.4 प्रतिशत ही हुआ है।
प्रकाश ने कहा कि वह स्वास्थ्य मंत्री से जानना चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र से टीके की कितनी खुराक मांगी थी और केंद्र ने अभी तक कितनी खुराक दी हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा “हमने पांच करोड़ खुराक प्रतिमाह की मांग की है। हमें मुश्किल से सात-आठ लाख खुराक प्रतिदिन मिल रही हैं। कभी-कभी हमें पांच लाख खुराक भी मिलती हैं। मांग करना एक अलग बात है लेकिन दो कंपनियों के माध्यम से, जितना उत्पादन हो रहा है, उसी हिसाब से टीके की खुराक मिल रही है। केंद्र सरकार ने हमारी मांग पर अभी तक कोविड-19 टीके की छह करोड़ से अधिक खुराक दी है।” प्रकाश ने अधिष्ठाता नरेश उत्तम पटेल से आग्रह किया कि इस प्रश्न को संदर्भ समिति के पास भेज दिया जाए क्योंकि सरकार इसका जवाब नहीं दे पा रही है।
इस पर नेता सदन उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा ‘‘ सभी राज्यों को एक निश्चित अनुपात में टीका दिया जाता है। मुख्यमंत्रियों की बैठक में इसे तय किया गया था। सितंबर में उत्तर प्रदेश में टीके की आपूर्ति बढ़ने वाली है। उत्तर प्रदेश में कैसे-कैसे टीका लगेगा, इसका कार्यक्रम भी सरकार टीके की उपलब्धता के हिसाब से घोषित करने जा रही है।” बहरहाल, अधिष्ठाता ने इस प्रश्न को संदर्भ समिति के पास भेज दिया।