योगीराज में सरकारी प्रताड़ना का शिकार ब्राह्मण समाज


ब्राह्मणों का सभी राजनीतिक दलों ने बस शोषण किया है। उनको किसी राजनीतिक दल ने सम्मान दिया है तो वह बसपा है।



मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश का ब्राह्मण वर्ग इस समय अपने को नेतृत्वविहीन और ठगा महसूस कर रहा है। कांग्रेस से मोहभंग होने के बाद प्रदेश का ब्राह्मण समाज कभी भाजपा तो बसपा की तरफ आकर्षित होता रहा। विगत दो आम चुनावों और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में प्रदेश का ब्राह्मण वर्ग मजबूती से भाजपा के पक्ष में लामबंद रहा, लेकिन केंद्र औऱ राज्य की सरकार बनते ही भाजपा नेतृत्व ब्राह्मणों को भूल गया।

अब तो हाल यह है कि सरकारी मशीनरी और पुलिस-प्रशासन प्रदेश में ब्राह्मणों के उत्पीड़न पर उतर आयी है। राज्य सरकार के इस दुर्व्यहार के चलते राज्य का ब्राह्मण वर्ग दूसरे विकल्पों की तलाश कर रहा है।

“ब्राह्मणों का उत्पीड़न मौजूदा सरकार का स्वभाव बन गया है। तभी तो वे पुलिसिया अत्याचार के शिकार है। जब पुलिस चाहती है तो घर गिरा देती है और जब चाहती है तो गाली पलट जाती है”– ये विचार बसपा सरकार में मंत्री रहे नकुल दुबे का है। मिर्जापुर में आयोजित ब्राह्मण छात्र सभा के कार्यक्रम में उन्होंने यही कहा। पर वे इतना कहकर रूके नहीं बल्कि जमकर सरकार की ब्राह्मण विरोधी नीतियों पर बरसे।

उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों का सभी राजनीतिक दलों ने बस शोषण किया है। उनको किसी राजनीतिक दल ने सम्मान दिया है तो वह बसपा है। वे बोले कि ब्राह्मण समाज को सम्मान, स्थान और पहचान बसपा में मिला है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों की हत्या की जा रही है। विकास दुबे का हवाला देते हुए वे बोले कि उसने तो आत्मसमर्पण कर दिया था तो उसे भागने की जरूरत क्या थी?

उन्होंने कहा कि अगर उसे भागना ही होता तो वह आत्मसमर्पण क्यों करता ? उसने किया, इसका मतलब भागने का उसका इरादा नहीं था। वह कानून के जरिए न्याय चाहता था। लेकिन उसे न्याय नहीं मिला क्योंकि वह ब्राह्मण था।

उन्होंने आगे कहा कि असल में यह सरकार ही ब्राह्मण विरोधी है। अगर नहीं होती तो खुशी दुबे को परेशान करने का क्या मतलब है? वह तो नाबालिग है। उसका पति भी नाबागिल था। विकास दुबे विकलांग था। सबका अपराध इतना भर था और है कि वे ब्राह्मण हैं।

उनकी बात से वहां मौजूद ब्राह्मण समाज सहमत दिखा। वह नकुल दुबे के सुर में सुर मिलाने लगा। जय परशुराम का जय घोष होने लगा। कार्यक्रम में मौजूद हजारों ब्राह्मण उद्वेलित थे। सरकार की घृणा से दुखी था। कार्यक्रम में ब्राह्मण छात्र सभा के अध्यक्ष सर्वेश दीक्षित, नीरज तिवारी,पूर्व बसपा विधायक राम शिरोमणि शुक्ला मौजूद थे।



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