समाज के विभीषणों से ब्राह्मणों को सबसे अधिक हानि : नकुल दुबे


वाराणसी। किसी भी देश-समाज में धर्म और संस्कृति को उसका प्राण-वायु माना जाता है। भारत में सदियों से ब्राह्मण समाज का पथ-प्रदर्शक और धर्म का रक्षक रहा है। लेकिन आज वह स्वयं असहाय है। इसका कारण राजनीतिक है। प्रदेश में उसका खुलेआम उत्पीड़न और शोषण हो रहा है। शोषण करने वाले वही लोग हैं जिनको ब्राह्मणों  ने अपने कंधे पर बैठा कर सत्ता में पहुंचाया। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण वर्ग में बेचैनी है। यह बेचैनी किसी को सत्ता से उखाड़ने की नहीं बल्कि अपनी रक्षा के लिए है।

यह अलग बात है कि ब्राह्मणों की इस बेचैनी को भाजपा और योगी सरकार अपने खिलाफ साजिश मानकर और ज्यादा उत्पीड़न पर उतर आयी है। सराकारी नौकरी, व्यापार और किसी भी क्षेत्र में सक्रिय ब्राह्मणों को शासन स्तर पर परेशाना किया जा रहा है।

“सत्ता बदलनी है तो ब्राह्मणों को एक साथ-एक दूसरे से जुड़ना होगा। वे पीड़ित तो हैं, पर एकजुट नहीं है। उसकी वजह वे विभीषण है जो ब्राह्मणों के बीच बैठे हैं। उनसे बचना होगा और अपने समाज को जोड़ना होगा।” यह बात वाराणसी में आयोजित ब्राह्मण छात्र सभा के कार्यक्रम में बसपा सरकार में मंत्री रहे नकुल दुबे ने कही। वे इन दिनों पार्टी की ब्राह्मण जोड़ो मुहिम में लगे हैं।

उसे लेकर जगह-जगह कार्यक्रम कर रहे हैं। उसी कड़ी में वाराणसी आयोजन हुआ जो बहुत भव्य था। हजारों की संख्या में ब्राह्मण के लोग जुटे थे। उस तरह का जुटान किसी भी नेता के लिए संजीवनी की तरह होता है। कुछ ऐसा नकुल दुबे के साथ भी हुआ। संख्याबल देखकर वे उत्साहित हुए। सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आखिर ब्राह्मण ही क्यों मारे जा रहा हैं? उसकी वजह जाति विशेष के लोगों का पुलिसिया महकमे में वर्चस्व है। वह ब्राह्मणों से निजी तौर पर बैर का भाव रखते हैं।

वे आगे बोले कि विजय मिश्रा को इसी वजह से परेशान किया जा रहा है। उन पर जो आरोप लगा है वही कई ठाकुर पर भी लगा है। मगर उनके साथ नरमी बरती जा रही है। उनको टिकट देकर चुनाव लड़वाया जा रहा है। जेल में रहकर धंधा चलाने की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। उसके इतर विजय मिश्रा के परिवार को नाहाक प्रताड़ित किया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि हरिशंकर तिवारी के यहां बार -बार छापा क्यों पड़ रहा? ब्लैक मनी तो नीरव मोदी के भी पास है। विजय माल्या के भी पास है। लेकिन भाजपा ने उन्हें नहीं पकड़ा। उनको जाने दिया क्यों? इसी मामले में हरिशंकर तिवारी के परिवार का परेशान किया जा रहा है। सोचिए क्यों? बस एक कारण है। जो सत्ता में है, वे ठाकुर साहब है। वे ब्राह्मणों को नापसंद करते हैं।

ब्राह्मण 12 फीसदी है। मगर फिर भी उनका शोषण भाजपा कर रही है। उसको लगता है कि ब्राह्मण उसके गुलाम है। उसके यहां चाकरी करते हैं। ऐसा लगने का एक कारण यह भी है कि समुदाय के लोग अपनों के साथ नहीं खड़े हैं। कार्यक्रम में ब्राह्मण छात्र सभा के अध्यक्ष सर्वेश दीक्षित, पूर्व बसपा विधायक राम शिरोमणि शुक्ला जैसे कई वरिष्ठ और प्रबुद्धजन लोग मौजूद थे।



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