समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने तीन बागियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसमें से एक बागी विधायक उत्तर प्रदेश स्थित रायबरेली में ऊंचाहार (Unchahar Assembly constituency) का प्रतिनिधित्व कर रहे मनोज पांडेय (Manoj Pandey) भी हैं। अब दावा किया जा रहा है कि मनोज पांडेय, बतौर विधायक सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं। फिर जब इस सीट पर उप चुनाव होंगे तो भारतीय जनता पार्टी उन्हें टिकट देगी। अगर उपचुनाव में मनोज पांडेय जीतकर आते हैं, तो उन्हें योगी कैबिनेट में अहम जिम्मेदारी भी दी जा सकती है।
बता दें सपा ने मनोज पांडेय के अलावा गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह और गोसाईंगंज से विधायक अभय सिंह को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इन दोनों विधायकों ने भी कहा है कि वह अपने समर्थकों से बात कर के फैसला करेंगे कि क्या करना है।
सूत्रों के अनुसार, बावजूद इसके कि मनोज पांडेय की सदस्यता अब नहीं जाएगी, तब भी वह इस्तीफा देकर दोबारा सदन जाने के बारे में विचार कर रहे हैं।
सदस्यता न जाने की स्थिति में बीजेपी उन्हें अभी भी कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है लेकिन मनोज पांडेय ने 2022 के चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव जीता था, ऐसे में पार्टी उन्हें अभी ही कोई अहम जिम्मेदारी नहीं देगी।
इससे पहले जब दारा सिंह चौहान ने सपा छोड़ बीजेपी का दामन दोबारा थामा था, तब भी उन्हें मंत्री पद का आश्वासन मिला था। हालांकि वह उपचुनाव में हार गए थे। बाद में उन्हें विधान परिषद् भेजा गया, जहां से वह योगी कैबिनेट में कारागार मंत्री बने।
वहीं अपने निष्कासन पर मनोज पांडेय ने कहा था कि मैंने तो वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान ही बीजेपी जॉइन की थी। मुझे अब पार्टी से निकालना हास्यास्पद है। मुझ पर सिर्फ ऊंचाहार की जनता का अनुग्रह है। पांडेय ने कहा था कि मैं सपा के इस फैसले हतप्रभ हूं।
अगर मनोज पांडेय भविष्य में इस्तीफा देते हैं तो यूपी में दो सीटों पर उपचुनाव के आसार बनते दिख रहे हैं। इसमें एक सीट मऊ सदर भी है। यहां से सुभासपा विधायक रहे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई है। चूंकि अभी उनका मामला हाईकोर्ट में है और वहां सुनवाई होनी है। ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले पर बहुत कुछ निर्भर करता है।
विधानसभा सचिवालय ने मऊ सदर की सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। सबकी निगाह, हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी है। अब्बास से जुड़े सूत्रों का दावा है कि अगर हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली तो वह सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।