पराली जलाने के आरोप में 60 किसानों पर केस दर्ज, आंदोलन करेगा किसान यूनियन


बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने इसे किसानों का दमन माना है और कहा कि फतेहपुर जिले कई ईंट-भट्ठे की चिमनियां दिन-रात धुंआ उगल रही हैं, उनके मालिकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में कथित रूप से धान की पराली जलाने के आरोप में दो दिनों के भीतर कम से कम 60 किसानों के खिलाफ मामले दर्ज कर उनके खिलाफ पुलिस ने निरोधात्मक कार्रवाई की है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि फतेहपुर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में फसल की अवशेष या धान की पराली जलाने के आरोप में पिछले दो दिनों के भीतर कम से कम 60 किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए गए हैं और राजस्व अधिकारियों ने उनसे जुर्माना वसूला है।

किसानों पर धान की पराली जलाने पर दर्ज मुकदमों के बावत हुसेनगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक सत्येन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया, भैरमपुर कठेरवां गांव के किसान क्षत्रपाल, इन्द्रपाल तथा बृजेश लोधी के अलावा बसोहनी गांव के अचल सिंह, अशोक पटेल, मवई गांव के रहने वाले किसान मेवालाल, संग्रामपुर के सियाराम, ऊंचाबेरा के शिवराम मौर्य व रुस्तम सिंह और बेरागढ़ीवा गांव में कुल आठ किसानो के खिलाफ मुकदमा दर्जकर कार्रवाई की गयी। जुर्माना वसूलने की कार्रवाई एसडीएम के स्तर से हुई है, सभी किसानों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की गई है।

मलवां थाने के प्रभारी निरीक्षक शेर सिंह राजपूत ने बताया कि धान की पराली जलाने पर कोराई गांव के पंकज सिंह, जगदीश, हरिबक्श सिंह, धीरेन्द्र, अनिल, अभिलाष सिंह, तेज बहाुदर के अलावा सहिली चौकी क्षेत्र के रावतपुर गांव निवासी अनिल पटेल के खिलाफ मुकदमा दर्जकर उन्हें गिरफ्तार कर निरोधात्मक कार्रवाई की गयी है। एसडीएम के जमानत न दिए जाने पर आठ किसानों को जेल भेज दिया गया है। इन किसानों से 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी वसूला गया है।

सदर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवीन्द्र श्रीवास्तव ने बताया, मदारीपुर कला गांव के राम सेवक, मऊ गांव के राज बहादुर तथा मिट्ठनपुर गांव के किसान बाबूलाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई है और इन किसानों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया है।

थरियांव थाने के प्रभारी निरीक्षक उपेन्द्रनाथ राय ने बताया कि शुक्रवार की देर रात तक कई गांवों के 14 किसानों के खिलाफ पराली जलाने के मुकदमे दर्ज किए गए हैं, इनमें शंकरपुर-हसवा की सावित्री देवी, पृथ्वीपाल, अस्वाबख्शपुर गांव के गुलाब सिंह, मनोज सिंह, कपूर सिंह व गिरिजा शंकर, वीर बुद्दनपुर गांव के कालीचरण, धर्म सिंह व शिव सिंह, आकूपुर गांव की रामरानी, रामआसरे, सन्तोष, नन्दकिशोर, रामकिशोर शामिल हैं।

पुलिस विभाग के आंकड़ों से राजस्व विभाग के आंकड़े अलग हैं। जिला कृषि अधिकारी बृजेश कुमार सिंह कहते हैं कि अब तक जिले में कुल 28 किसानों के खिलाफ पराली जलाने पर कार्रवाई की गई है और उनसे जुर्माना वसूला गया है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया, एक पखवाड़े के भीतर एक सौ से ज्यादा किसानों के खिलाफ पराली जलाने के मुकदमे लेखपालों की तहरीर पर दर्ज किए जा चुके हैं और उनसे जुर्माना वसूला जा चुका है। कृषि विभाग शासन को पूरे आंकड़े नहीं भेज रहा है, इससे तस्वीर साफ नहीं हो पा रही।

इस बीच बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने इसे किसानों का दमन माना है और कहा कि फतेहपुर जिले कई ईंट-भट्ठे की चिमनियां दिन-रात धुंआ उगल रही हैं, उनके मालिकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही।

कहा कि जबकि लेखपालों की तहरीर पर किसानों के खिलाफ फर्जी मुकदमें दर्जकर उन्हें जेल भेजा जा रहा है। शर्मा ने कहा कि किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस न लिए गए तो उनका संगठन प्रदेश स्तर पर एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगा।



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