
लखनऊ। अपराध पर नियंत्रण लगाने में अक्षम और कानून व्यवस्था कायम रखने में भी फेल प्रयागराज के एसएसपी मुख्यमंत्री के क्रोध का शिकार हुए हैं। प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पर कड़ी कार्रवाई करते हुए सीएम योगी ने उन्हें निलंबित कर दिया है। एसएसपी पर तैनाती की अवधि में सरकार के आदेशों का समुचित पालन न करने और पोस्टिंग में भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
एसएसपी अभिषेक दिक्षित पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। गृह विभाग के प्रवक्ता के अनुसार एसएसपी अभिषेक दीक्षित द्वारा सरकारी आदेशों का अनुपालन सही ढंग से ना करने नियमित रूप से फुट पेट्रोलिंग किए जाने एवं बैंकों तथा आर्थिक व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बाइकर्स द्वारा की जा रही लूट की घटनाओं की रोकथाम में भी इनके द्वारा अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गई और ना ही चेकिंग व पर्यवेक्षण का काम भी सही ढंग से किया गया। प्रयाग वासियों में बढ़ती असुरक्षा की भावना का जिम्मेदार भी इन्हें माना गया है।
कोरोना महामारी के संबंध में शासन मुख्यालय द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराए जाने हेतु दिए गए निर्देशों का भी जनपद में सही ढंग पालन नहीं कराया गया। एसएसपी अभिषेक दीक्षित पर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया गया है।
सूत्रों की माने तो प्रयागराज में थानों में तैनाती के लिए मोटी रकम वसूली जाने की खबरें लगातार मिल रही थी| इन सभी बिंदुओं पर मुख्यमंत्री लगातार नजर बनाए हुए थे अभिषेक दीक्षित को निलंबन अवधि के दौरान पुलिस महानिदेशक कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। उनके स्थान पर लखनऊ में तैनात तेज तर्रार आईपीएस अफसर सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी को डीआईजी/ एसएसपी के पद पर तैनात किया गया है।