चित्रकूट के खोपा गांव में मनरेगा में पिसता नाबालिगों का बचपन

मामला चित्रकूट जिले के पहाड़ी ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम सभा खोपा का है,जहां पर तालाबों और अन्य कार्यो के पुनरुद्धार के लिए मनरेगा योजना द्वारा कराए जा रहे काम में नाबालिक बच्चों को मेहनत मजदूरी करते हुए देखा गया है। एक ओर बाल श्रम पर हिंदुस्तान के कानून में सजा और प्रतिबंध का प्रावधान है वही सरकारी योजनाओं में नाबालिग बच्चे काम कर रहे हैं।

चित्रकूट। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना में बच्चों से भी काम लिया जा रहा है। अनेक स्थानों पर मनरेगा के काम में बच्चों द्वारा काम करते हुए पाए जाने के बाद भी अधिकारियों द्वारा संज्ञान में नही लिया जा रहा है। जबकि स्पष्ट निर्देश है कि 18 वर्ष से कम उम्र को काम पर नही लगाया जा सकता लेकिन चित्रकूट में इसका खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है। मनरेगा योजना में पलीता लगाया जा रहा है, देश की सबसे बड़ी विकास योजना के नाम से मशहूर मनरेगा अब ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच रहा है, इस योजना में ग्राम प्रधान और उसके जिम्मेदार अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। 

मामला चित्रकूट जिले के पहाड़ी ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम सभा खोपा का है,जहां पर तालाबों और अन्य कार्यो के पुनरुद्धार के लिए मनरेगा योजना द्वारा कराए जा रहे काम में नाबालिक बच्चों को मेहनत मजदूरी करते हुए देखा गया है। एक ओर बाल श्रम पर हिंदुस्तान के कानून में सजा और प्रतिबंध का प्रावधान है वही सरकारी योजनाओं में नाबालिग बच्चे काम कर रहे हैं। ग्रामीणों की शिकायत रहती है कि ग्राम प्रधान मनरेगा का काम या उनके जॉब कार्ड से नाम काट दिया है, जिसकी वजह से मजबूरी में वह पलायन करने को विवश हो जाते है। ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए ही मनरेगा योजना को लागू किया गया था, लेकिन इस ग्राम के प्रधान व सचिव की करतूत ने पूरी योजना पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। 

 

मनरेगा में काम करने वाले बच्चे का यदि जॉब कार्ड बना है तो यह बहुत ही आश्चर्यजनक है। यदि नहीं बना है तो बच्चे किसके कहने पर अपना खून पसीना बहा रहे हैं। इन सब के बीच में सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि इस बच्चे की मेहनत के बाद मजदूरी किस हिसाब से मिलेगी, क्योंकि जब कार्ड ही नहीं बना तो बच्चे को मजदूरी करने का कार्य कैसे मिल गया और अब इस बच्चे को नाबालिग दिखाकर क्या सरकार के खजाने से पैसा निकाल कर नाबालिग की मजदूरी का भुगतान किया जाएगा।  

जब नाबालिक बच्चों से काम करवाने का कोई आदेश ही नहीं है और नाबालिक बच्चे से काम करवाने के जब ग्राम प्रधान के खिलाफ सारे साक्ष्य तश्वीरो में मौजूद हैं तो आखिर किस बात की जांच होगी। इसी बात को लेकर लोगों में चर्चा बनी हुई है। इस सम्बंध में खण्ड विकास अधिकारी विपिन सिंह ने बताया कि बच्चे का मास्टररोल नहीं निकाला गया है,किसी  कारण बच्चे से काम कराया गया है बच्चो के माता-पिता का वर्जन लेकर इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। 

First Published on: June 23, 2020 1:17 PM
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