
गाजियाबाद.
वैसे से तो उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या में कमी नहीं आई है, लेकिन
प्रदेश के औद्योगिक शहर गाजियाबाद जिले से अच्छी खबर आ रही है। जिलाजिलाधिकारी अजय
शंकर पाण्डेय के निर्देशन में जिला प्रशासन कोविड-19 के संक्रमण से निपटने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, जिसके सफलीभूत होने के संकेत विगत दो दिनों से मिल रहे हैं।
जिलाधिकारी पांडेय
ने बताया कि सोमवार को कोरोना वायरस की जांच की 18 रिपोर्ट प्राप्त हुई है जिनमें से सभी 18 रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं। इसके अलावा जो 3 पेशेंट कोविड वार्ड में भर्ती हैं, उनकी भी पहली रिपोर्ट नेगेटिव आई है। यदि इनकी दूसरी जांच रिपोर्ट नेगेटिव
आती है तो उनको भी जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि विगत दो
दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है, जो एक सुखद संकेत है।
बताते चलें
कि जनपद में कोरोना प्रकोप से निपटने के लिए गत कई दिनों से जिलाधिकारी श्री
पांडेय के अलावा सीडीओ अस्मिता लाल, गाजियाबाद
नगर निगम के नगर आयुक्त दिनेश चंद्र सिंह, जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा, एसएसपी
कलानिधि नैथानी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ एनके गुप्ता, खोड़ा-मकनपुर नगरपालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी के के भड़ाना आदि ने अपनी
पूरी ताकत व विभागीय संसाधन झोंक दिए हैं, जिससे इस महामारी पर समय रहते ही नियंत्रण स्थापित कर लिया गया है।
एसएसपी
कलानिधि नैथानी ने बताया कि जनपद में इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए 126 नाका बैरियर पर आने-जाने वालों की तमाम गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है, क्योंकि राष्ट्रीय लॉकडाउन की स्थिति केंद्र सरकार द्वारा घोषित की गई है
जिसका अनुपालन जनपद में भी कड़ाई पूर्वक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनपद
में 30847 वाहन चैक किये गए हैं, जबकि 8743 वाहनों का चालान विभिन्न कारणों से किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान 436 वाहन सीज
किये गए हैं, जबकि समन शुल्क के रूप में 2, 25, 700 रुपये की धनराशि वसूल की गई है।
एसएसपी ने
बताया कि जनपद में धारा 188 भादवि के
तहत पंजीकृत अभियोगों की संख्या 317 है, जबकि अभियुक्तों की संख्या 1496 हो गई है।
उन्होंने बताया कि 4058 आकस्मिक सेवाओं के वाहनों को परमिट जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने लोगों के आवागमन को नियंत्रित करके कोरोना चेन को तोड़ने
में कारगर भूमिका निभाई है। वास्तव में पड़ोसी जनपदों में भी गाजियाबाद वाली
पुलिसिया सख्ती कम ही दिखाई पड़ी है।