
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में विधान भवन के पास मंगलवार को आत्मदाह करने वाली महिला ने बुधवार की देर शाम अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। महिला को आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने पूर्व राज्यपाल सुखदेव प्रसाद के बेटे व कांग्रेस के अनुसूचित प्रकोष्ठ के चेयरमैन आलोक कुमार को हिरासत में ले लिया है। उनके खिलाफ मुकदमा भी लिखा जा रहा है।
राजधानी के हजरतगंज पुलिस ने मंगलवार देर रात अलोक कुमार के खिलाफ महिला को आत्मदाह के लिये उकसाने का मुकदमा दर्ज किया था। शाम करीब छह बजे महाराजगंज पुलिस भी लखनऊ पहुंच गई। पुलिस के मुताबिक सुबूत जुटाये जा रहे हैं, इसके बाद तय होगा कि आलोक को गिरफ्तार किया जायेगा या छोड़ा जायेगा। आलोक के पिता सुखदेव प्रसाद राजस्थान के राज्यपाल रह चुके हैं। एसीपी हजरतगंज राघवेन्द्र मिश्र का कहना है कि आलोक को अभी अरेस्ट नहीं किया गया है। महाराजगंज पुलिस शाम को लखनऊ पहुंची है। वह भी आलोक से पूछताछ कर रही है। आलोक के खिलाफ सुबूत मिले तो गिरफ्तारी की जायेगी।
आपको बता दें कि महाराजगंज पुलिस पर मदद न करने का आरोप लगाकर राजधानी लखनऊ में विधान भवन के सामने महिला ने आत्मदाह कर लिया था। पुलिस कर्मियों ने तत्काल महिला के शरीर पर चादर फेंक कर आग बुझाई और अस्पताल में भरते कराया। करीब 90 फीसद झुलस चुकी महिला की बुधवार रात मौत हो गई।
क्या है मामला
झारखंड के पलामू जिले के केसास गांव की रहने वाली अंजली तिवारी उर्फ ज्योति की शादी 2012 में महराजगंज निवासी अखिलेश तिवारी के साथ हुई थी। पति से विवाद के बाद 2016 में अंजली किराए का मकान लेकर महराजगंज के वीर बहादुर नगर वार्ड में रहने लगी। जीवन यापन के लिए उसने एक कपड़े की दुकान पर नौकरी भी कर ली। इसी दौरान उसका संपर्क पड़ोस के आशिक रजा नाम के युवक से हो गया था।
अंजली का आरोप है कि आशिक रजा नाम के जिस व्यक्ति से उसने दुबारा निकाह किया वह जबरन उसका धर्म परिवर्तन कराना चाह रहा था। नाम बदलकर अंजली से आयशा कर दिया। दो बार उसने गर्भपात भी करवाया। बीते चार अक्टूबर को अंजली आशिक रजा के घर में रहने के लिए धरने पर भी बैठ गई थी। मंगलवार को विधान भवन के सामने आत्मदाह की कोशिश करने पर मामला गर्म हो गया था।