अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्र चुनाव चुनाव कराने वाले चुनाव अधिकारी की नियुक्त नहीं होने पर छात्रों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। एएमयू प्रशासन की तरफ से जल्द छात्र संघ चुनाव कराने का आश्वासन दिया गया था। जब आश्वासन के बाद भी छात्र संघ चुनाव नहीं हुए तो छात्रों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिस पर कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रबंधन को जल्द ही चुनाव करवाने का आदेश दिया था।
हालांकि, एएमयू ने जल्द छात्र संघ चुनाव कराने का हलफनामा कोर्ट में दाखिल किया था। मगर, नवंबर माह बीत जाने के बाद दिसंबर माह भी शुरू होने वाला है लेकिन अभी तक छात्र संघ चुनाव कराने वाले चुनाव अधिकारी की नियुक्त नहीं हुई, जिसके बाद एक बार फिर एएमयू के छात्र नेताओं ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
आपको बता दें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पिछले 7 वर्षों से छात्र संघ चुनाव न होने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। यूनियन हॉल लगातार बदहाली की स्थिति में है और छात्र चुनाव कराने की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं एएमयू प्रसाशन के खिलाफ हाईकोर्ट जाने वाले छात्रों को जान का खतरा है। यही कारण है कि एएमयू को कठघरे में खड़ा करने वाले छात्र नेता के द्वारा साफ तौर पर इसकी शिकायत अलग अलग जगह की है। छात्र नेता का कहना है अगर उनको कोई जनहानि होती है तो उसका जिम्मेदार एएमयू प्रशासन होगा।
छात्र नेता मोहम्मद कैफ ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट को एएमयू प्रशासन के द्वारा (हलफनामा) देते हुए दिसम्बर में चुनाव कराने की बात कही लेकिन दिसंबर शुरू होने से पहले भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने चुनाव अधिकारी की नियुक्ति नहीं की। इसी को लेकर छात्र नेता मोहम्मद कैफ ने दोबारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। छात्र नेता कैफ ने अपील की है कि हाईकोर्ट जल्द से जल्द एएमयू प्रशासन को स्पष्ट तारीख जारी करने का निर्देश दे, ताकि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो सके।
छात्र नेताओं का कहना है कि यदि हाईकोर्ट की तरफ सख्त निर्देश नहीं दिए गए तो एएमयू प्रशासन जानबूझकर चुनाव टालता रहेगा। आरोप है कि साल 2018 के बाद से अब तक चुनाव नहीं हुए, जबकि छात्र संघ के फंड में कई करोड़ रुपये जमा हैं, जिनमें से लगभग 13 लाख रुपये प्रशासन खर्च कर चुका है। छात्रों का सवाल है कि बिना छात्र संघ अध्यक्ष और सचिव के प्रशासन छात्रों के फंड को कैसे उपयोग कर सकता है?
