उत्‍तर प्रदेश में रविवार शाम को थम जाएगा सात सीटों पर चुनाव प्रचार


राजनीतिक विश्‍लेषक राजीव रंजन सिंह ने कहा, ‘यह चुनाव सत्‍तारुढ़ दल के लिए वाकई प्रतिष्‍ठा का सवाल है, क्‍योंकि 2017 के आम चुनाव में इनमें से छह सीटें भाजपा ने जीती थीं। अगर इन सीटों पर भाजपा को दोबारा जीत नहीं मिली, तो इसके निहितार्थ निकाले जाएंगे।’


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उत्तर प्रदेश Updated On :

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश विधानसभा की सात सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार रविवार शाम को समाप्‍त हो जाएगा।

इन सातों सीटों पर तीन नवंबर को मतदान होना है, जिनमें से पहले छह सीटें सत्‍तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एक सीट समाजवादी पार्टी (सपा) के पास रही है। इस उपचुनाव का परिणाम 10 नवंबर को आएगा।

सातों सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में निर्दलीय समेत कुल 88 उम्‍मीदवार मैदान में हैं। इनमें सर्वाधिक 18 प्रत्‍याशी बुलंदशहर सीट पर हैं। जौनपुर जिले की मल्‍हनी सीट पर 16 उम्‍मीदवार आमने-सामने हैं। अमरोहा जिले की नौगांव-सादात सीट और देवरिया सीट पर 14-14 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा फिरोजाबाद की टूंडला और उन्‍नाव की बांगरमऊ सीट पर 10-10 उम्‍मीदवार मैदान में हैं, जबकि कानपुर की घाटमपुर विधानसभा सीट पर सबसे कम छह उम्‍मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

भाजपा, सपा, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस चुनाव में अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। कुछ सीटों पर राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और आल इंडिया मजलिस-ए-इत्‍तेहादुल मुसलमीन ने भी अपने प्रत्‍याशी उतारे हैं।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष स्‍वतंत्र देव सिंह, उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं डॉ दिनेश शर्मा तथा पार्टी पदाधिकारियों एवं अन्य मंत्रियों ने डिजिटल माध्यम से संवाद के अलावा चुनाव क्षेत्रों में जाकर लगातार जनसभाएं और जनसंपर्क किया।

राजनीतिक विश्‍लेषक राजीव रंजन सिंह ने कहा, ‘यह चुनाव सत्‍तारुढ़ दल के लिए वाकई प्रतिष्‍ठा का सवाल है, क्‍योंकि 2017 के आम चुनाव में इनमें से छह सीटें भाजपा ने जीती थीं। अगर इन सीटों पर भाजपा को दोबारा जीत नहीं मिली, तो इसके निहितार्थ निकाले जाएंगे।’

राजीव ने कहा कि इस उपचुनाव में सरकार की लोकप्रियता के आकलन के साथ ही 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव का भी पूर्वाभ्‍यास हो रहा है। स्‍वतंत्र देव सिंह ने दावा किया कि सभी सीटों पर भाजपा के उम्‍मीदवार जीतेंगे।

हालांकि सपा अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सपा का लक्ष्‍य 2022 का विधानसभा चुनाव है और जीत की शुरुआत उपचुनाव से ही होगी।

सपा के मुख्‍य प्रवक्‍ता राजेंद्र चौधरी ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘विधानसभा उपचुनाव में मतदान की तारीख नज़दीक आ रही है, ऐसे में भाजपा अपनी हार की आशंका के चलते चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग और मतदाताओं को भयभीत करने का हथकंडा अपना रही है।’’

चौधरी ने दावा किया कि छह सीटों पर सपा और एक पर रालोद का उम्‍मीदवार जीतेगा।

कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने भी भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए दावा किया कि जनता ने भाजपा सरकार को सबक सिखाने की ठान ली है और उपचुनाव में इसका असर दिखेगा। उन्‍होंने कहा कि भाजपा के पतन की शुरुआत इस उपचुनाव से ही होगी और कांग्रेस जीतेगी।

इस बीच, राज्‍य सभा चुनाव में एक अप्रत्‍याशित घटनाक्रम के चलते बसपा की अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने भाजपा से अपनी नज़दीकी बढ़ाने वाले बयान दिए, जिसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा और बसपा के बीच समझौता है।

उपचुनावों से अमूमन दूर रहने वाली बसपा इस बार विधानसभा की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर रही है। बसपा के एक नेता ने कहा कि चुनाव परिणाम बसपा के ही पक्ष में आएगा।

उल्‍लेखनीय है कि राज्‍य सरकार में मंत्री रहे पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान के निधन से रिक्‍त हुई नौगांव-सादात सीट पर भाजपा से उनकी पत्‍नी संगीता चौहान, कांग्रेस से कमलेश सिंह, सपा से जावेद अब्‍बास, बसपा से फुरकान और राकांपा से हशमत अली समेत अन्‍य उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

राज्‍य सरकार में मंत्री कमल रानी वरुण के निधन के रिक्‍त हुई घाटमपुर सीट पर भाजपा से उपेंद्र नाथ पासवान, सपा से इंद्रजीत कोरी, बसपा से कुलदीप संखवार और कांग्रेस से डॉ कृपा शंकर उम्‍मीदवार हैं।

विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के मुख्‍य सचेतक रहे वीरेंद्र सिंह सिरोही के निधन के बाद भाजपा ने बुलंदशहर सीट पर सिरोही की पत्‍नी ऊषा सिरोही, बसपा ने मोहम्‍मद युनूस, कांग्रेस ने सुशील चौधरी, राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने योगेंद्र शंकर शर्मा, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्‍तेहादुल मुसलमीन ने दिलशाद अहमद और राष्‍ट्रीय लोकदल ने प्रवीण कुमार सिंह को मौका दिया है। समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर राष्‍ट्रीय लोकदल को समर्थन दिया है।

उन्‍नाव की बांगरमऊ सीट पर कांग्रेस से आरती बाजपेयी, बहुजन समाज पार्टी से महेश प्रसाद और भारतीय जनता पार्टी से श्रीकांत कटियार चुनाव मैदान में हैं, जबकि समाजवादी पार्टी ने यहां सुरेश कुमार पाल को मैदान में उतारा है। बांगरमऊ सीट विधायक कुलदीप सेंगर के सजायाफ्ता होने से रिक्‍त हुई है।

भाजपा विधायक जनमेजय सिंह के निधन से रिक्‍त हुई देवरिया सीट पर भारतीय जनता पार्टी से सत्‍यप्रकाश मणि त्रिपाठी, समाजवादी पार्टी से ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी, बहुजन समाज पार्टी से अभय नाथ त्रिपाठी और कांग्रेस से मुकुंद भाष्‍कर तथा राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अशोक यादव चुनाव मैदान में हैं। देवरिया में भाजपा से टिकट न मिलने पर जनमेजय के पुत्र अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू निर्दलीय उम्‍मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के विधायक पारसनाथ यादव के निधन से रिक्‍त हुई मल्‍हनी सीट पर सपा ने लकी यादव, भारतीय जनता पार्टी ने मनोज कुमार सिंह, बहुजन समाज पार्टी ने जयप्रकाश दुबे, कांग्रेस ने राकेश मिश्र और राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सतीश चंद्र उपाध्‍याय को मौका दिया है। मल्‍हनी सीट पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह भी किस्‍मत आजमा रहे हैं।

भाजपा सरकार में मंत्री रहे एसपी सिंह बघेल के आगरा से सांसद बनने के बाद रिक्‍त हुई टूंडला सीट पर भाजपा से प्रेम पाल सिंह धनगर, समाजवादी पार्टी से महराज सिंह धनगर और बहुजन समाज पार्टी से संजीव चक मैदान में हैं। यहां कांग्रेस उम्‍मीदवार का नामांकन पहले ही निरस्‍त हो चुका है।



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