शामली में रिफाइंड ऑयल और जहरीले केमिकल से बन रहा नकली पनीर, खाद्य विभाग ने छापा मारा

उत्तर प्रदेश के शामली जनपद में मिलावटखोरी का बड़ा मामला सामने आया है। यहां आदर्श मंडी थाना क्षेत्र के मोहल्ला हरदेव नगर में रिफाइंड ऑयल और खतरनाक केमिकल मिलाकर बड़े पैमाने पर नकली पनीर तैयार किया जा रहा था। सूचना पर खाद्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को छापेमारी कर पनीर और दूध के सैंपल एकत्र किए। जिन्हें जांच के लिए लैब बेजा गया है।

फूड डिपार्टमेंट के मुताबी इस फैक्ट्री में रोजाना 10 से 15 कुंतल पनीर तैयार किया जा रहा था। फिलाहल विभाग को इस कार्रवाई से मिलावटखोरों में हड़कम्प मच गया है।

अब तोहारी सीजन शुरू हो चुका है, ऐसे में में बाजर में दूध, मावा और पनीर की डिमांड बढ़ जाती है। इसी का फायदा उठाकर मिलावटखोर नकली डेयरी प्रोडक्ट्स बनाकर सप्लाई करने लगते हैं। मोहल्ला हरदेव नगर में चल रहे इस अवैध कारोबार में रोजाना 10 से 15 क्विंटल तक नकली पनीर तैयार हो रहा था। पनीर बनाने के लिए दूध में रिफाइंड ऑयल मिलाया जाता था, जिसे गाढ़ा करने के लिए जहरीले केमिकल का इस्तेमाल किया जाता। खाद्य विभाग को गुप्त सूचना मिली कि इलाके में मिलावटी पनीर का उत्पादन हो रहा है।

खाद्य विभाग टीम जब मौके पर पहुंची तो फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों ने काफी देर तक गेट ही नहीं खोला। जबरदस्ती के बाद गेट खुला तो अंदर पनीर बनाने का पूरा गोरखधंधा चलता मिला। टीम ने तुरंत पनीर और दूध के कई सैंपल भरकर लैब जांच के लिए भेजे।

फूड इंस्पेक्टर पंकज चौधरी ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि मोहल्ला हरदेव नगर में मिलावटी पनीर बनाया जा रहा है। छापेमारी में सैंपल लिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। त्योहारों में मिलावट रोकने के लिए टीम अलर्ट मोड पर है।

किडनी और लीवर डैमेज का खतरा

नकली पनीर या मिलावटी खाद्य पदार्थ सेहत के लिए काफी हानिकारक हैं। जानकारों के मुताबिक इससे फूड पॉइजनिंग, आंतों में संक्रमण, लीवर और किडनी संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। खासकर बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं इनका आसानी से शिकार हो जाते हैं। त्योहारों में मिठाई और पनीर-बेस्ड स्वीट्स की खपत बढ़ जाती है, जिससे यह धंधा जनता की जान के साथ खिलवाड़ बन जाता है।

First Published on: September 27, 2025 10:07 AM
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