बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के फेफना क्षेत्र में एक सरकारी अस्पताल में कोरोना संक्रमित बुजुर्ग महिला की मौत से नाराज उसके परिजन ने स्वास्थ्य विभाग की टीम पर रविवार तड़के हमला करके दो चिकित्सकों समेत चार स्वास्थ्य कर्मियों को घायल कर दिया। स्वास्थ्य टीम पर हमले की सूचना के बाद पुलिस तत्काल मौके पर गई और हालात को संभाला।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि फेफना थाना क्षेत्र के फेफना गांव में स्थित सरकारी कोविड अस्पताल में रविवार तड़के करीब तीन बजे जिले के पकड़ी थाना क्षेत्र के रामा पाली गांव की रहने वाली बादामी देवी (65) को लेकर उसके परिजन पहुंचे। कोरोना वायरस से संक्रमित इस महिला की हालत गंभीर थी।
उन्होंने बताया कि अस्पताल के चिकित्सकों ने महिला की स्थिति को देखा और उसे फौरन भर्ती कर लिया, मगर ऑक्सीजन देते समय उस महिला की मौत हो गई। प्रसाद ने बताया कि महिला की मौत के बाद उसके परिजन आक्रोशित हो गए और उन्होंने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम पर हमला कर दिया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में तोड़-फोड़ भी की।
प्रसाद ने बताया कि इस हमले में अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रीतम कुमार पांडे और डॉक्टर शरद कुमार के अलावा स्वास्थ्य कर्मी किशन कुमार और रिजवान घायल हो गए। महिला के परिजन ने चिकित्सकों के चार पहिया वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिए। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही वह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। इस संबंध में मामला दर्ज किया जाएगा।
फेफना थाना प्रभारी संजय त्रिपाठी ने बताया कि महिला की मौत से नाराज उसके परिजन शव को अपने साथ ले जाने पर अड़ गए और चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई और सरकारी मुआवजे की मांग करने लगे। बहरहाल, पुलिस के काफी प्रयास के बाद परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने को तैयार हुए।
उन्होंने बताया कि परिजन का आरोप है कि वे महिला को लेकर जब सरकारी अस्पताल पहुंचे, तो तकरीबन आधे घंटे तक उसे भर्ती नहीं किया गया और भर्ती होने के एक घंटे बाद उसे ऑक्सीजन दी गई। इस तरह इलाज में लापरवाही की गई, जिसकी वजह से महिला की मौत हो गई। त्रिपाठी ने बताया कि मृत महिला के परिजन को मामले की जांच और नियमों के अनुसार मुआवजा राशि देने का भरोसा दिया गया है।