
नई दिल्ली। पूर्व सांसद अनु टंडन ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अनु ने ट्विटर पर जारी एक बयान में अपना त्यागपत्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजने की जानकारी दी।
उन्नाव से पूर्व लोकसभा सदस्य ने यह दावा भी किया कि प्रदेश कांग्रेस के नेतृत्व से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल रहा था और कुछ लोगों द्वारा झूठा प्रचार चलाया जा रहा था तथा केंद्रीय नेतृत्व ने इस पर अंकुश लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘इन बिंदुओं पर मेरी बात कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा से भी हुई, लेकिन ऐसा कोई विकल्प या रास्ता नहीं निकल पाया, जो सबके हित में हो। पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस के उत्तर प्रदेश के कुछ वरिष्ठ नेताओं से भी मेरी बातचीत हुई, लेकिन वो भी इन हालात में असहाय एवं विकल्पहीन लगे।’’
अनु ने अपने अगले राजनीतिक कदम का खुलासा नहीं करते हुए कहा कि वह अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से परामर्श के बाद कोई कदम उठाएंगी।
उल्लेखनीय है कि अनु 2009 में उन्नाव से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीती थीं, हालांकि, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अनु टंडन को पार्टी से छह वर्ष के लिए किया निष्कासित
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उन्नाव से पूर्व सांसद अनु टंडन को बृहस्पतिवार को कांग्रेस से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि अनु टंडन को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में अनुशासन समिति ने छह वर्ष के लिए कांग्रेस से निष्कासित कर दिया है।