लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी मंत्रिपरिषद का गठन किए छह महीने से अधिक समय हो गया है, लेकिन उनके चार मंत्री भारतीय जनता पार्टी द्वारा निर्धारित ‘एक व्यक्ति-एक-पद सिद्धांत’ का अभी भी उल्लंघन कर रहे हैं। पार्टी के पदों के साथ-साथ मंत्री पद संभालने वाले चार मंत्रियों में अरविंद कुमार शर्मा, दया शंकर सिंह, जे.पी.एस. राठौर और नरेंद्र कश्यप हैं।
अरविंद कुमार शर्मा बिजली और शहरी विकास मंत्री हैं और राज्य में पार्टी उपाध्यक्ष का पद भी संभाल रहे हैं। दया शंकर सिंह राज्य पार्टी उपाध्यक्ष और परिवहन मंत्री भी हैं। इनके अलावा सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर यूपी में पार्टी के प्रदेश महासचिव हैं जबकि पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
गौरतलब है कि भूपेंद्र चौधरी, जो योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री भी थे, ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। ऐसा करके उन्होंने एक मिसाल कायम की।
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने 2017 में यूपी बीजेपी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने के तुरंत बाद कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक ने कहा, ” पार्टी लाइन स्पष्ट रूप से एक-व्यक्ति-एक पद की बात करती है और हमारे कई नेताओं ने इसका पूरी तरह से पालन किया है। हमारे पास पार्टी के नेता हैं जो दूसरों के लिए एक उदाहरण स्थापित करने की कोशिश करते हैं। भूपेंद्र चौधरी उनमें से एक हैं।”
यूपी बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि, उनकी पार्टी के नेता भी सपा और बसपा जैसे विपक्षी दलों के लिए एक उदाहरण हैं जहां नेता कई पदों पर हैं।
सूत्रों के मुताबिक अभी यह पता नहीं है कि ये मंत्री अपनी पार्टी के पदों से कब इस्तीफा देंगे। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, “शायद, जब नई राज्य कार्यकारिणी की घोषणा की जाएगी, तो इन मंत्रियों को अपने आप उनके पदों से हटा दिया जाएगा।”