UPSC TOPPER: 9वीं रैंक पाने वाली डॉ. अपाला ने तोड़ा रिकार्ड, UPSC के साक्षात्कार में बनी नंबर-1


अपाला को यूपीएससी में 9वीं रैंक मिली है,लेकिन उन्होंने साक्षात्कार में सबको पीछे छोड़ दिया है। सिविल सेवा परीक्षा के साक्षात्कार में अब तक सबसे ज्यादा 212 अंक हासिल करने का रिकॉर्ड था, जिस रिकॉर्ड को डॉ. अपाला ने तोड़ दिया है। अपाला ने इंटरव्यू राउंड में 215 अंक हासिल किए हैं।


बबली कुमारी बबली कुमारी
गाज़ियाबाद Updated On :

गाजियाबाद की रहने वाली डॉ. अपाला मिश्रा पिछले कुछ दिनों से घर-घर की पहचान बन गई हैं। यूपीएससी परीक्षा में 9वीं रैंक हासिल करने के बाद एक बार फिर साबित कर दिया कि आत्मविश्वास के दम पर आप चाहें तो पूरी दुनिया को जीत सकते हैं।

यूपीएससी परीक्षा की अंक सूची मंगलवार रात जारी की गई। डॉ. अपाला ने साक्षात्कार के दौर में अब तक सबसे अधिक अंक हासिल करने का रिकॉर्ड बनाया है। दरअसल, पिछले साल बनाए गए इंटरव्यू राउंड में यूपीएससी के पास 212 अंक हासिल करने का सबसे ज्यादा रिकॉर्ड है। लेकिन, डॉ. अपाला ने इस रिकॉर्ड को तोड़ा और इंटरव्यू राउंड में 215 अंक हासिल कर एक नया रिकॉर्ड बनाया।

डॉ. अपाला मिश्रा का यूपीएससी साक्षात्कार विवरण
डॉ अपाला ने कहा कि 40 मिनट के इंटरव्यू राउंड में मैं लगभग सभीअलग-अलग तरह के सवालों के जवाब मैंने दिया। हालांकि इंटरव्यू का दौर शुरू होने से पहले मैं थोड़ी नर्वस थी, लेकिन मैंने अपने आत्मविश्वास को एक विजेता उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया और साक्षात्कार दिया।

अपाला ने आगे कहा कि इंटरव्यू राउंड महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके व्यक्तित्व कौशल के साथ-साथ आपकी प्रस्तुतीकरण की भी जांच करता है।

अपाला ने दिया इंटरव्यू के लिए यह सुझाव
नंबरिंग बुद्धिमानी से करें

घबराएं नहीं, जो तैयार किया है उस पर विश्वास रखें

अपाला ने कहा कि चूंकि उनके पिता सेना में थे, इसलिए उन्हें इसके लिए बहुत जोश के साथ तैयारी करनी पड़ी। वह कई घंटों तक अपने पिता से सेना के बारे में जानकारी लेती थी और उससे जुड़ी बातों को समझती थी।

अपाला की प्रेरणा

डॉ. अपाला मिश्रा की माँ अल्पना मिश्रा ने कहा कि एक साल पहले उन्होंने अपाला के कमरे में “मैं 50 अंडर रैंक लाऊंगी” नाम का एक पोस्टर लगाया था।

अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ निश्चयी रहने के लिए अपाला ने इस पोस्टर को दिन रात आंखों के सामने रखा।

इसके अलावा अपाला के पिता अमिताभ मिश्रा, जो सेना में कर्नल थे, बताते हैं कि 8 से 10 घंटे पढ़ाई करने के बाद वह रोजाना करीब 30 से 40 मिनट तक अपाला के साथ टेबल टेनिस खेलते थे, ताकि पढ़ाई का दबाव कम किया जा सके।

डॉ. अपाला मिश्रा ने यूपीएससी परीक्षा में नौवां स्थान हासिल किया है। उसकी सफलता इसलिए खास है क्योंकि उसने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की है। हालांकि, उनका पहला प्रयास असफल रहा।

डॉ. अपाला मिश्रा देश की सेवा करने के लिए वह एक बेहतर विदेश नीति बनाना चाहती हैं। अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने बीडीएस की पढ़ाई की, लेकिन बाद में उन्हें वैश्विक स्तर पर देश की सेवा के लिए सिविल सर्विसेज की तैयारी करने का आइडिया आया।

आपको बता दें कि डॉ. अपाला मिश्रा देहरादून और दिल्ली में पली बढ़ी हैं। उनकी नर्सरी से लेकर कक्षा दस तक की शिक्षा देहरादून में हुई और 11, 12 वीं दिल्ली पब्लिक स्कूल, रोहिणी से हुई। वे हमेशा ही एक मेधावी विद्यार्थी रही हैं। उन्होंने आर्मी कॉलेज से डेंटल सर्जरी में BDS किआ, उसके बाद UPSC की तैयारी की और टॉपर में अपनी जगह बनाई। साथ ही इंटरव्यू में हाईएस्ट अंक प्राप्त किया। उनका कहना है कि अनुशासन और परिश्रम से कठिन लक्ष्य भी प्राप्त किया जा सकता है। उनकी माँ डॉ. अल्पना मिश्र दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली के नार्थ कैंपस में हिंदी की प्रोफेसर हैं। प्रोफेसर अल्पना मिश्र हिंदी की प्रसिद्ध कथाकार भी हैं। डॉ. अपाला के पिता कर्नल अमिताभ मिश्रा सेना से सेवानिवृत्त हैं और उनके भाई मेजर अभिलेख मिश्रा भारतीय सेना में हैं। माँ से मिली रचनात्मकता डॉ अपाला में भी भरपूर है। वे कविताएं भी लिखती हैं। अभी हाल ही में साहित्य अकादेमी, दिल्ली की पत्रिका ने अपने अंग्रेजी सेक्शन में उनकी कविताएं प्रकाशित की हैं।



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