लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में अजीत सिंह हत्याकांड मामले के मुख्य आरोपी शूटर गिरधारी को सोमवार तड़के पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने बताया कि आरोपी गिरधारी के साथ पुलिस मुठभेड़ में तीन पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं।
जॉइंट पुलिस कमिश्नर अपराध नीलाब्जा चौधरी ने बताया, ‘‘रात ढाई से तीन बजे के बीच आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर को पुलिस की टीम हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी के लिए सहारा हॉस्पिटल के पीछे खरगापुर क्रॉसिंग के पास लेकर गयी। गाड़ी रोककर आरोपी को नीचे उतारा जा रहा था तभी उसने उप निरीक्षक अख्तर उस्मानी पर वार कर दिया और उनकी पिस्तौल लेकर भागने लगा।
वरिष्ठ उप निरीक्षक अनिल सिंह ने उसका पीछा किया। घटना की सूचना पुलिस नियंत्रण कक्ष और पुलिस कण्ट्रोल रूम पर दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस उपायुक्त पूर्वी और उनकी टीम मौके पर पहुंच गयी।
पुलिस बल और प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह एवं प्रभारी निरीक्षक अतिरिक्त ने झाड़ियों में छिपे गिरधारी को चारों तरफ से घेर लिया और उसे आत्मसमर्पण के लिए कहा। लेकिन गिरधारी छीनी हुई सरकारी पिस्तौल से बार-बार गोलियां चला रहा था।
इसके जवाब में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं, जिसमें वह घायल हो गया। उसे तुरंत राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने बताया कि इस मुठभेड़ में उप निरीक्षक अख्तर के सैयद उस्मानी को चोट आयी है, वरिष्ठ उप निरीक्षक अनिल सिंह के दाहिने बाजू पर गोली छूते हुए निकली है।
इंस्पेक्टर चंद्रशेखर के बुलेटप्रूफ जैकेट में एक गोली लगी है। तीनों पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि छह जनवरी की रात विभूतिखंड क्षेत्र में कठौता चौराहे के पास मऊ जिले के गोहना के पूर्व प्रमुख अजीत सिंह और उसके साथी मोहर सिंह पर हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं।
अजीत सिंह एक कुख्यात अपराधी था और उस पर 17 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। इस संबंध में मोहर सिंह की शिकायत पर आजमगढ़ के कुंटू सिंह, अखंड सिंह, शूटर गिरधारी समेत छह लोगों पर मामला दर्ज किया गया था। पुलिस अब तक मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, मुख्य शूटर गिरधारी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।