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पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर के शस्त्र लाइसेंस मुकदमे (Arms License Case) को वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। शस्त्र लाइसेंस का मुकदमा गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज है। राज्य सरकार ने अर्जी में मुख्तार अंसारी के इसी मुकदमे को वाराणसी ट्रांसफर करने की मांग की थी। हालांकि अदालत ने पहले से वाराणसी में चल रहे मुकदमे के साथ सुनवाई करने से इंकार कर दिया। मुख्तार अंसारी पर लाइसेंस निरस्त होने के बाद भी असलहा जमा नहीं करने का आरोप है।
मुख्तार अंसारी केस की HC में सुनवाई
गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े का वर्ष 2021 में मुकदमा दर्ज किया गया था। फर्जी कागजात पर शस्त्र लाइसेंस हासिल करने का दूसरा मुकदमा वाराणसी के चेतगंज थाने में दर्ज है। शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े मामले की जांच सीबीसीआईडी ने की थी। फर्जीवाड़े में साठ गांठ कर अधिकारियों के भी शामिल होने आरोप है। 4 दिसंबर 1990 को वाराणसी के चेतगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।
शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े का मामला
इस मामले की सुनवाई वाराणसी की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट कर रही है। राज्य सरकार आर्म्स एक्ट से जुड़े दोनों मुकदमों की सुनवाई एक साथ चाहती थी। अदालत के आए फैसले से दोनों मुकदमों की सुनवाई वाराणसी में होगी। लेकिन दोनों मुकदमों की एक साथ सुनवाई फिर भी नहीं हो सकेगी। मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने सरकार की अर्जी का विरोध किया था।
उन्होंने दलील दी थी कि दोनों मुकदमों का आपस में कोई तालमेल नहीं है। हाईकोर्ट ने गाजीपुर और वाराणसी की अदालतों से मुकदमे का स्टेटस रिपोर्ट मांग लिया था। दोनों मुकदमों का स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद जस्टिस राजवीर सिंह की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया है। हालांकि मुख्तार अंसारी के सभी शस्त्र लाइसेंस पहले ही निरस्त किए जा चुके हैं।