लखनऊ। लव जिहाद के बढ़ते मामले पर रोक के लिए प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त कानून ला दिया है। प्रदेश के बरेली जिले में धर्मांतरण प्रतिषेध कानून के तहत पहला मामला दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि मामला बरेली जिले के देवरनियां थाने में शनिवार को दर्ज किया गया।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की ओर से जारी बयान के अनुसार देवरनियां पुलिस थाने (बरेली) के अंतर्गत शरीफ़ नगर गांव के टीकाराम ने यह मामला दर्ज कराया है, जिसमें उसने उसी गांव के एक व्यक्ति उवैश अहमद पर उसकी बेटी को ‘‘बहला फुसलाकर’’ धर्मांतरण की कोशिश करने का आरोप लगाया।
बताया जाता है कि देवरनिया के एक गांव में रहने वाली युवती की उवैश से जान-पहचान थी। दोनों इंटर तक एक ही कॉलेज में पढ़े। तीन साल पहले वहां पढ़ाई पूरी करने के बाद युवती दूसरे कॉलेज में पढ़ने लगी। इसके बावजूद उवैश उसे परेशान करता रहा।
युवती के अनुसार, एक साल से वह लगातार दबाव बना रहा था कि धर्म परिवर्तन कर उससे निकाह करे। शुरू में वह टालती रही। डर था कि मामले को तूल दिया तो बदनामी होगी। बाद में विरोध किया तो अपहरण करने की धमकी देने लगा। अब मामला दर्ज होने के बाद आरोपी फरार हो गया है।
उवैश अहमद के खिलाफ नए जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ‘उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ को शनिवार को मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पिछले मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई थी। इसमें विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।