कोविड-19 महामारी के कारण सभी विधायकों, विधान परिषद सदस्यों और विधानभवन की सुरक्षा में तैनात सभी कर्मियों तथा अन्य कर्मचारियों की कोरोना वायरस संक्रमण की जांच का काम पूरा करने की तैयारी की जा रही है।
राज्य विधानसभा के अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि विधायकों की जांच की जा रही है , जबकि सदन के कर्मचारियों की जांच पहले ही की जा चुकी है। विधानसभा के सचिवालय ने सभी विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को बजट सत्र की शुरुआत से पहले परीक्षण करवाना अनिवार्य कर दिया है ।
उन्होंने बताया कि सभी जिला अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को अपने-अपने जिलों में विधायकों के लिए कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की व्यवस्था करने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।
यह पहली बार होगा कि बजट पेपरलेस (बिना कागज के) होगा और मुद्रित प्रतियां उपलब्ध नहीं होंगी। सभी विधायकों को अपने आईपैड पर बजट मिलेगा और बजट के बारे में जानकारी केवल राज्य विधानसभा की वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध होगी। इस बारे में विधायकों को भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है ताकि उन्हें आईपैड को सुचारू रूप से इस्तेमाल करने में मदद मिले।
वार्षिक बजट की प्रस्तुति के अलावा, सरकार महत्वपूर्ण बिलों को भी पेश कर सकती है जिसमें उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 भी शामिल है । जिसे नवंबर में राज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू किया गया था।
इस बीच, विपक्षी दल विशेष रूप से कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन, कानून-व्यवस्था आदि मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं।
लगातार दूसरी बार मीडियाकर्मियों को प्रेस दीर्घा तक पहुंचने की अनुमति नहीं होगी। तिलक हॉल में दो एलईडी स्क्रीन लगाई जा रही हैं जहां से वे कार्यवाही को देख सकते हैं। विधानसभा के कार्यक्रम के अनुसार, सत्र 10 मार्च तक जारी रहने की संभावना है ।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र बृहस्पतिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू होगा। राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार सोमवार 22 फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का वार्षिक बजट पेश करेगी ।