
लखनऊ। देश में नये कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग और आंदोलन के बीच शुक्रवार को बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ दर्ज राजनीतिक मुकदमों को वापस लेने की उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है।
मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश में भाजपा के लोगों के ऊपर ‘राजनीतिक द्वेष’ की भावना से दर्ज मुकदमे वापिस होने के साथ ही, सभी विपक्षी पार्टियों के लोगों पर भी ऐसे दर्ज मुकदमें भी जरूर वापिस होने चाहिए। बीएसपी की यह मांग।’
यू.पी. में बीजेपी के लोगों के ऊपर ’’राजनैतिक द्वेष’’ की भावना से दर्ज मुकदमे वापिस होने के साथ ही, सभी विपक्षी पार्टियो के लोगों पर भी ऐसे दर्ज मुकदमे भी जरूर वापिस होने चाहिए। बी.एस.पी की यह माँग।
— Mayawati (@Mayawati) December 25, 2020
इस संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने भाषा से कहा ‘राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे गुण धर्म के आधार पर जिला स्तर की कमेटी शासन को भेजती है और राज्य कमेटी विधिक परीक्षण के बाद ही उसकी वापसी की संस्तुति करती है। यह कोई राजनीतिक निर्णय नहीं बल्कि विधिक व प्रशासनिक होता है।’
उन्होंने कहा कि ‘ बहन जी अगर बसपा के अपने शासनकाल के कार्यप्रणाली में झांकती तो वह इस तरह की मांग नहीं करती, क्योंकि उनका कार्यकाल घोटालों से भरा कुशासन का जीवंत प्रमाण है।’
मायावती के इस ट्वीट पर आम लोगों ने भी तेजी से प्रतिक्रिया शुरू कर दी है। मोहम्मद शरीफ भट्टी ने ट्वीट किया ‘ सिर्फ नेताओं के ही क्यूं आम जनता के मुकदमे भी सरकार वापस ले और जो दलित मुस्लिम गरीब सरकार के खिलाफ बोलने पर जेल में बंद हैं, सबको जेल से बाहर करो, केस खत्म करो।’ एक अन्य व्यक्ति राजा विक्रम देव ने ट्वीट किया, ‘ बहिन जी आप मांग ही करती रहेंगी या इनके खिलाफ आगे भी आएंगी।’