लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बुद्धिजीवियों विशेषकर ब्राह्मणों का समर्थन हासिल करने के उद्देश्य से अपनी पार्टी के ‘प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन’ को संबोधित करने के एक दिन बाद बुधवार को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सर्व समाज के बीच पार्टी आधार का विस्तार करने के लिए युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिये।
बसपा अध्यक्ष ने बुधवार को यहां एक महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला इकाई अध्यक्षों को संबोधित करते हुए ‘सर्व समाज’ के बीच पार्टी के आधार का विस्तार करने के लिए चल रहे प्रयासों की समीक्षा की और पार्टी कार्यकर्ताओं को इस दिशा में युद्धस्तर पर काम करने का निर्देश दिया।
मायावती ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश में बसपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों व जिला अध्यक्षों की अहम बैठक में खासकर आगामी विधानसभा आमचुनाव की चुनौतियों के मद्देनजर पोलिंग बूथ स्तर तक पार्टी संगठन की तैयारियों व सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने आदि की गहन समीक्षा व युद्धस्तर पर सभी को कार्य करने का निर्देश।’’
यूपी में बीएसपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों व जिला अध्यक्षों की अहम बैठक में खासकर आगामी विधानसभा आमचुनाव की चुनौतियों के मद्देनजर पोलिंग बूथ स्तर तक पार्टी संगठन की तैयारियों व सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने आदि की गहन समीक्षा व युद्ध स्तर पर सभी को कार्य करने का निर्देश।
— Mayawati (@Mayawati) September 8, 2021
उन्होंने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में “प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन” को संबोधित करते हुए 2007 के शानदार परिणामों को दोहराने के लिए दलितों और ब्राह्मणों के बीच एक मजबूत एकता बनाने का आह्वान किया था।
मंगलवार को मायावती करीब डेढ़ माह से ब्राह्मणों को साधने के लिए पार्टी द्वारा चलाये जा रहे ‘प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन’ के पहले चरण के समापन पर लखनऊ बसपा मुख्यालय में राज्य के सभी जिलों से आये लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘‘2022 में उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने पर वह विकास और कानून का राज स्थापित करके उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने पर ध्यान देंगी।’’ मायावती ने कहा था, ‘‘समाज में समानता के लिए काम करने वाले महापुरुषों के सम्मान में स्मारकों और पार्कों की स्थापना से संबंधित सभी कार्य मैं पहले ही पूरा कर चुकी हूं।’’
अपनी पिछली सरकारों के दौरान कई पार्कों, स्मारकों की स्थापना के लिए निशाने पर रहीं बसपा अध्यक्ष ने स्पष्ट किया, “हमारे संतों के सम्मान के लिए मुझे जो भी काम करना था, वह सब ‘ठोक’ के किया गया है। नोएडा और लखनऊ में उनके सम्मान में अब और कुछ करने की जरूरत नहीं है।’’
मायावती ने कहा था, ‘‘अब जब आगे उत्तर प्रदेश में पांचवीं बार बसपा की सरकार बनेगी तो तब मेरी पूरी ताकत अब स्मारक, संग्रहालय, पार्क और मूर्ति आदि बनाने में नहीं लगेगी बल्कि मेरी पूरी ताकत उत्ता प्रदेश की जो मौजूदा तस्वीर है उसको बदलने में ही लगेगी ताकि पूरा देश ये कहे, पूरी दुनिया यह कहे कि शासन हो तो बसपा के शासन की तरह होना चाहिए। बच्चा-बच्चा यह कहे कि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ने उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदल दी।’
उन्होंने कहा था, ‘‘मैं सभी धर्मों के लोगों को यह कहना चाहती हूं कि अगर वे लोग चाहते हैं कि उनके धर्म के भी महान संतों-गुरुओं आदि को भी पूरा-पूरा आदर सम्मान मिले तो उनकी धार्मिक भावनाओं को पूरा सम्मान जरूर दिया जाएगा।’’